ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषि विज्ञान केन्द्र सबौर में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद सम्पोषित कौशल विकास प्रशिक्षण अन्तर्गत "छोटे स्तर पर मुर्गी पालन" विषयक 240 घंटे का प्रशिक्षण का उदघाटन डॉ. आर.एन. सिंह, सह निदेशक प्रसार शिक्षा द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। प्रशिक्षण अवधि में विशेषज्ञों द्वारा मुर्गी पालन विषय में मुर्गी का आवास एवं स्व्छता प्रजातियाँ, बीमारियाँ एवं बीमारियों से बचाव, घेरलू स्तर पर चुजा उत्पादन, मुर्गी दाना निर्माण, बाजार व्यवस्था तथा इससे जुड़ी सभी तथ्यात्मक प्रबंधन सहित अन्य तकनीकी पहलूओं पर विस्तृत जानकारी प्रशिक्षणार्थियों को उपलब्ध करायी जाएगी। इस अवसर पर निदेशक ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि आप मुर्गी पालन विषय पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इसका अर्थ है कि आप इस क्षेत्र से जुड़े हुए और इसमें आगे बढ़ना चाहते है। प्रशिक्षण इंसान के कार्य की गुणवत्ता एवं गुणवत्ता से मात्रा में बढ़ोत्तरी हो जाती है। साथ ही मशरूम उत्पादन व मुर्गी पालन कार्य आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए बहुत अच्छा कार्य है। उन्होंने बताया मुर्गीपालन एवं मशरूम उत्पादन स्वरोजगार का बहुत माध्यम है, क्योंकि इसमें कम खर्च में ज्यादा मुनाफा लिया जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों हौसला बढ़ाते हुए कहा अगर चल सको तो खुद चलो, सफलता स्वयं कदम चूम लेगी और इरादे बुलन्द हो तो मंजिल जरूर मिलेगी।" उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों से अनुरोध किया कि प्रशिक्षण उपरान्त अपना फीडबैक जरूर दे कि आप प्रशिक्षण उपरान्त क्या लाभ ले रहे हैं और उसमें क्या परेशानी आ रही है। साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों को निर्देश दिया कि प्रशिक्षणार्थियों को हैंड वर्क पर ज्यादा ध्यान दिया जाय, क्योकि "कर के सीखने में लोग ज्यादा सीखते है।" निदेशक ने प्रशिक्षणार्थियों को अपने नाम का एक-एक पेड़ लगाने एवं पूरे प्रशिक्षण, जब तक यहाँ है उसकी देखभाल करें। जब आप प्रशिक्षण उपरान्त यहाँ से चले जाएगे और पुनः कभी यहाँ आयेगे, तो उस पेड़ को देखकर आपको पेड़ लगाने का आत्मसंतुष्टि एवं गर्व महसूस होगा। केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान, डॉ० विनोद कुमार ने सम्बोधन के दौरान केन्द्र पर आयोजित प्रशिक्षण के क्रियान्वयन संबंधी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया यह प्रशिक्षण आवासीय प्रशिक्षण है एवं प्रशिक्षणार्थियों के रहना व खाना के लिए किसी प्रकार शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आवासीय प्रशिक्षण का एक लाभ यह है कि अलग-अलग प्रखण्डों से आये युवक- युवतिया एक जगह रहेंगे तो आपस में अपने अनुभवों को शेयर करेंगे जिससे एक- दूसरे को बहुत कुछ नया सीखने को मिलेगा। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ममता कुमारी द्वारा किया गया एवं इस अवसर पर केन्द्र के डॉ मो. ज्याउल होदा, सक्षम कुमार, अलकाज्योति शर्मा सहित 20 प्रगतिशील पुरूष एवं महिला प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
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Bhagalpur News:कौशल विकास प्रशिक्षण अन्तर्गत "छोटे स्तर पर मुर्गी पालन" विषयक 240 घंटे का प्रशिक्षण शिविर शुरू
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