ग्राम समाचार, सुल्तानगंज (भागलपुर) : आज से विगत 20 वें वर्ष पूर्व बाढ़ आने पर खुनी बांध टूटने से, पांच गांव के सैकड़ों किसानों के हजारों बीघा कृषि युक्त भूमी में पानी नही पहुंच पाने से कृषि कार्य बाधित है।
हर पंचवर्षीय लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सांसद एवं विधायक प्रत्याशी के किए वादों के भरोसे, सहायता की आस लगाए पीड़ित किसान इंतजार में है।
वहीं बांका लोकसभा सीट से चार बार सांसद एवं सुल्तानगंज विधानसभा से चार बार विधायक चुने जाने के बाद भी आजतक किसी सांसद या विधायक ने किसानों का खुनी बांध बंधवाने में कोई सहायता नही की।तब विवश होकर आसपास गांवों के किसान आपस में चंदा इकट्ठा कर, हर साल मिट्टी से बांध बांधकर नहर के पानी को अपने धान की फसल में लाने का प्रयास करते है।लेकिन पानी का दवाब इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि हर साल बांध टूट जाता है।पीड़ित किसान हर बार मायूस हो जाते है। लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान गांव आने पर अपनी समस्या सांसद व विधायक प्रत्याशी के बीच रखते आ रहे है।लेकिन जीतने के बाद किसी भी सांसद ने किसानों की समस्या का समाधान आज तक नही किया।
इधर किसान जीते हुए सांसद के आने का इंतजार बगैर पलक झपकाए आसा भरी नम आंखों से आस लगाए चार पंचवर्षीय से राह निहारे बैठी है। अभी किसानों के पुराने जख्म भरे नही है कि सामने फिर हर दिन विधायक प्रत्याशी वादे करने किसानों के बीच पहुंच रहे है।और क्षेत्र के हजारों बीघा कृषि युक्त भूमी को पर्याप्त मात्रा में पानी नही पहुंचने पर बेहतर तरीके से खेती करने एवं फसलों की उपज करने के लिए किसान लालायित है।
यह हाल है बांका लोकसभा अंतर्गत भागलपुर जिला के अंतिम सीमा पर अवस्थित बाथ थाना क्षेत्र के करहरिया पंचायत स्थित सैकड़ों पीड़ित किसानों की।
पंचायत के सरपंच मनोज महतो और उक्त पंचायत के बड़हरा गांव निवासी सुरेश प्रसाद सिंह, फंटूस कुमार सिंह, पंकज कुमार सिंह, अवधेश सिंह, सुमित सिंह, राहुल कुमार सिंह, पवन सिंह आदि किसानों ने बताया कि सन् 2000 ईस्वी में भयानक बाढ़ आने से हमारे जमीन के ऊपरी सतह शंभूगंज गिधौरा गांव स्थित पुल के बगल खूनी बांध 150 फीट लंबा टूट जाने से बड़हरा, दिग्धी, पैसराहा, किरणपुर, सौगीनी, घोरपीठिया आदि गावों के लगभग 300 हजार बीघा कृषि भूमी में पानी नही पहुंचने से कृषि कार्य प्रभावित है।
प्रत्येक साल हम किसान चंदा कर बांध बांधते है।लेकिन अधिक पानी के दबाव से हर बार खुनी बांध टूट जाता है। पिछले चार पंचवर्षीय लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान कई सांसद व विधायक प्रत्याशी आए।उनके सामने अपनी समस्या भी रखे।उनके द्वारा सांसद व विधायक बनने के बाद खूनी बांध बंधवाने का वादा भी किया गया।और सांसद व विधायक बन जाने के बाद हम किसानों से लिखित आवेदन भी लिया गया।फिर भी उनके वादे के मुताबिक खूनी बांध की समस्या से आजतक निजात नही मिला है। ना ही कोई सांसद या विधायक जीतने के बाद आजतक बड़हरा गांव की ओर रुख ही किया है।हम किसानों के जीविकोपार्जन का मुख्य साधन कृषि है। हाल यह है कि पानी के अभाव में फसल उपज नही होने पर आर्थिक हालात काफी नाजुक है।इस पंचवर्षीय भी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सांसद अबतक लौटकर नही आया है।सामने विधानसभा चुनाव होने वाले है तो विधायक प्रतिनिधि दिन-प्रतिदिन सिर्फ वादे करने ही पहुंच रहें है।
- पंकज कुमार, ग्राम समाचार, सुल्तानगंज।


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