निर्माण स्थल पर निर्माण एजेंसी व ठेकेदार द्वारा मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई इंतज़ाम नहीं किया गया है। मजदूर बिना सेफ्टी हैट व सेफ्टी हुक - बेल्ट के तीसरी व चौथी मंजिल के छज्जे पर कार्य करते हैं। मजदूरों को न तो सुरक्षा टोपी और न ही सेफ्टी बेल्ट दिया जाता है। फर्श (जमीन) पर मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई जाल नहीं लगाया जाता है। टीम ने जाँच में पाया कि मजदूर सुन्दर दास की मृत्यु निर्माण एजेन्सी और प्रशासन की लापरवाही के कारण हुई है।
बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन (ऐक्टू) प्रशासन से माँग करता है कि यथा शीघ्रातिशीघ्र निर्माण स्थल पर कार्य कर रहे मजदूरों के लिए सुरक्षा के इंतजाम करवाया जाय। सरकार मृतक मजदूर सुन्दर दास के परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें। निर्माण कार्य में लगे निर्माण-एजेंसी व ठेकेदार पर लापरवाही बरतने और मजदूर सुन्दर दास के मौत का दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध मुकदमा दायर कर उसे उसे गिरफ्तार करे। जाँच टीम में असंगठित कामगार महासंघ (ऐक्टू) के राज्य सचिव सुभाष कुमार, बि. रा. निर्माण मजदूर यूनियन के नेता प्रवीण कुमार पंकज व विष्णु दास थे।
- बिजय शंकर, ग्राम समाचार भागलपुर।
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