पथरगामा, गोड्डा (झारखंड) | वैचारिक क्रान्ति और विश्व कल्याण के महान उद्देश्य को लेकर गोड्डा जिला के आर्य समाज पथरगामा के तत्वावधान में चार दिवसीय अथर्ववेद पारायण महायज्ञ सह दिव्य आध्यात्मिक सत्संग का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान 27 दिसंबर 2025 (शनिवार) से प्रारंभ होकर 30 दिसंबर 2025 (मंगलवार) तक आर्य समाज मन्दिर प्रांगण में चलेगा।
स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती करेंगे मुख्य उपदेश
इस महायज्ञ में आर्य जगत की मूर्धन्य विभूतियों का सान्निध्य प्राप्त होगा। गुरुकुल परंपरा के प्रमुख संवाहक स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी महाराज (गुरुकुल गौतम नगर, नई दिल्ली) मुख्य उपदेशक के रूप में उपस्थित रहेंगे और यज्ञ के साथ-साथ धर्मोपदेश करेंगे।
यज्ञ की सभी वैदिक क्रियाएँ और संपूर्ण अथर्ववेद का पारायण (पाठ) गुरुकुल गौतम नगर, नई दिल्ली के विद्वान स्नातकों (ब्रह्मचारियों) द्वारा संपन्न किया जाएगा।
ग्रह शांति के 14 विशेष मंत्रों से आहुतियाँ
आर्य समाज पथरगामा के अनुसार, यह महायज्ञ विशेष रूप से अथर्ववेद (जिसे ब्रह्मवेद भी कहा जाता है) पर केंद्रित होगा, जिसमें ब्रह्मज्ञान, चिकित्सा विज्ञान और शान्ति कर्मों के मंत्र हैं। महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन अथर्ववेद में वर्णित 14 ग्रह शांति मंत्रों से विशेष आहुतियाँ दी जाएँगी। यह अनुष्ठान वातावरण की शुद्धि और समस्त मानव जाति के कल्याण की कामना से किया जाएगा।
कार्यक्रम में अन्य प्रमुख उपदेशकों में आचार्य डॉ. विश्वजीत शास्त्री (गोरखपुर) और आचार्या मीरा शास्त्री (कन्या गुरुकुल आमदा, पश्चिम बंगाल) भी उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं को वैदिक ज्ञान से अवगत कराएँगी।
चतुर्वेदी जी होंगे मुख्य यजमान
इस ऐतिहासिक महायज्ञ के मुख्य यजमान आदित्य कुमार चतुर्वेदी होंगे, जिन्होंने पहले ही ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद पारायण महायज्ञों को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। उनके साथ धनेश्वर शास्त्री, सुशील भगत, वीरेन्द्र पंडित सहित अनेक गणमान्य सहयोगी यजमान के रूप में शामिल होंगे।
दैनिक कार्यक्रम एवं अपील
आयोजकों ने सभी धर्मप्रेमियों से सपरिवार सम्मिलित होने की अपील की है। दैनिक कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा:
प्रातः 08:00 से 11:00 बजे तक: मुख्य यज्ञ अनुष्ठान एवं भजनोपदेश।
मध्याह्न 02:00 से 04:00 बजे तक: वेद प्रवचन एवं आध्यात्मिक सत्संग।
सायं 05:30 से 09:30 बजे तक: वेद प्रवचन एवं भजनोपदेश।
आर्य समाज पथरगामा के प्रधान सुभाष चन्द्र आर्य और मन्त्री चन्द्रगुप्त आर्य ने सभी श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि महायज्ञ में आहुतियाँ देने के लिए भारतीय परिधान पहनकर ही आएं और इस पुण्य के भागी बनें।

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