रेवाड़ी को फिर से उसकी ऐतिहासिक पहचान दिलाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि रेवाड़ी का नाम फिर से रेवती नगर होना चाहिए।
समाजसेवी प्रथम अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र में कहा कि रेवाड़ी एक ऐतिहासिक नगरी है जो पौराणिक कथाओं से लेकर आधुनिक भारत के इतिहास में नाम दर्ज किए हुए है।
रेवाड़ी की पहचान राजा रेवत की पुत्री रेवती के नाम से है तथा उनका विवाह योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई दाऊ बलराम जी के साथ मोहल्ला सराय बलभद्र में हुआ था उनकी बारात इसी मोहल्ले में रुकी थी जहां आज काली माता मंदिर, संत धाम निर्माणाधीन है।
रेवाड़ी को फिर से ऐतिहासिक गौरव वापिस दिलाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम यह पत्र लिखकर शहरवासियों की ओर से अनुरोध किया गया है।




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