Godda News: हिंदी दिवस सप्ताह के तहत कवि सम्मेलन आयोजित



ग्राम समाचार गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:-  हिन्दी दिवस सप्ताह समारोह के तहत बुधवार शाम जोहार कलमकार मंच झारखंड की गोड्डा जिला शाखा द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। स्थानीय इंडोर स्टेडियम में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि अनुमंडल पदाधिकारी बैद्यनाथ उरांव, बतौर अतिविशिष्ट अतिथि जिला खेल पदाधिकारी डॉ. प्राण महतो व बतौर विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ महिला नागरिक मंच की नवनिर्वाचित राष्ट्रीय सचिव गीता मिश्रा, लोक मंच सचिव सर्वजीत झा "अंतेवासी" एवं वरिष्ठ साहित्यकार शिव कुमार भगत ने दीप प्रज्वलित कर किया।

मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष सुरजीत झा की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन का संचालन डॉ. ब्रह्मदेव कुमार ने सधे हुए अंदाज में किया। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री उरांव ने कहा कि साहित्य और विशेषकर कविता भावनाओं के संप्रेषण का सर्वाधिक सशक्त और सफल माध्यम है। संसार और समाज को सही और गलत का अहसास हमारे साहित्यकार ही कराते हैं तथा इस कार्य में कवियों की भूमिका निःसंदेह तथा सर्वथा नमनीय है। विशिष्ट अतिथि डॉ. प्राण महतो ने कहा कि कलम में क्रांति की क्षमता है और कविता उस क्रांति की पथप्रदर्शिका है। कविता के कंधे पर समाज को सही दिशा में ले जाने की महती जिम्मेवारी है। उन्होंने उपस्थित कवियों से अपील की कि इस विधा को विभिन्न आयोजनों के माध्यम से स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों तक ले जाएं ताकि साहित्य के प्रति उनमें अनुराग पैदा हो। बीज वक्ता के तौर पे शिव कुमार भगत ने कविता के उद्भव, प्रकार, विकास, प्रयोग, रूपांतरण, प्रसार और प्रभाव पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर अल्प संख्यक आयोग के सदस्य हाजी एकरामुल हसन आलम, हॉकी गोड्डा के अध्यक्ष मनोज कुमार पप्पु, पारा स्पोर्ट्स एसोसिएशन ऑफ गोड्डा के उपाध्यक्ष अमित सिंह एवं कोषाध्यक्ष अमरेंद्र सिंह बिट्टू, रेनबो म्यूजिकल ग्रुप के सदस्य दीपक कुमार एवं आकाश कुमार सहित बड़ी संख्या में हिन्दी प्रेमी श्रोता उपस्थित थे।

कविताओं के दौर में सभी कवियों ने अपनी दो श्रेष्ठ रचनाओं का पाठ किया जिसका शुभारंभ डॉ. स्मिता शिप्रा एवं डॉ. ब्रह्मदेव कुमार ने क्रमशः सरस्वती वंदना तथा हिन्दी वंदना से किया। मुख्य अतिथि श्री उरांव ने भी अपनी रचना मुझे आग नहीं आग का गोला चाहिए का पाठ कर श्रोताओं की वाहवाही लूटी। अन्य प्रतिभागी कवियों में शिवकुमार भगत की रचना "कझिया", सुरजीत झा की रचना "मैं तेरा सूरज" और "तुम हो तो", डॉ. ब्रह्मदेव कुमार की "जय - जय भारत, जय - जय हिन्दी", मनीष कुमार सिंह की "जय हिन्दी जय हिंदुस्तान", वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश मंडल की "गोड्डा जय - जयकार तुम्हारा", सोनू कुमार झा की "ये जो कहानी है, तेरे ही प्यार की निशानी है ", कवियित्री विनिता प्रियदर्शिनी की रचना "सखी री पावन - पावन सा लग रहा है, आज मैंने उपवास जो रखा है", युवा कवियित्री रितंभरा मीठी की "पत्थर - पत्थर जोड़ रही हूं सेतु मैं भी जोड़ रही हूं, राम के पास तो बानरी सेना था, मैं तो अकेली ही तोड़ रही हूं", अहमद फिरोज की रचना "बचपन का वह खेल तमाशा तू भूल ना जाना" तथा "ये हलवा, पूड़ी, जलेबी, कचौड़ी तुम्हारे लिए ही बनाई है ", डॉ. स्मिता शिप्रा की "कहो नहीं करके दिखाओ, कर्तव्य पथ पर डट के दिखाओ" ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। धन्यवाद ज्ञापन रिम्मी कुमारी ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में राहुल कुमार, जीत सिंह एवं पुतुल कुमारी का सहयोग सराहनीय रहा।
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Editor - भुपेंद्र कुमार चौबे (चांद)

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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