भारतीय किसान यूनियन चढूनी जिला रेवाड़ी का एक शिष्ठ मंडल व जिला प्रशासन के बीच एक मीटिंग हुई। जिसकी अध्यक्षता स्वयं डीसी साहब अभिषेक मीणा ने की। मीटिंग का एजेंडा था कि जो 2024 25 में जो ओलावृष्टि हुई थी उसमें 0% से 24 परसेंट तक का नुकसान दिखाया गया था। जिसमें लगभग 40 परसेंट किसान मुआवजा क्षतिपूर्ति का लेने में असमर्थ हो गया। इसमें डीसी और डीआरओ ने गंभीरता दिखाई और यूनियन भी सख्त तेवर के अंदर दिखाई दी। डीसी ने आश्वासन दिया कि इसका हम चंडीगढ़ में बात करेंगे और किसानों को उचित मुआवजा दिलवाएंगे। उसके बाद भावांतर 2023 का पैसा जो 80000 एकड़ के लगभग किसानों को नहीं मिला उसका भी आश्वासन दिया कि आप भी अपने संगठन के ऊपर बात करो और हम भी चंडीगढ़ प्रशासन को लिखेंगे। और भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने मांग की इतनी ज्यादा भारी बारिश हुई कि जिससे किसानों का बाजरा कपास बिल्कुल खराब हो गया।
सरकारी पोर्टल खुलना चाहिए, खाद के ऊपर भी यूनियन ने जोर देकर कहा टैक्स के अंदर सोसाइटी में खाद डीएपी यूरिया जाना चाहिए। और आगे चर्चा हुई की खाद के साथ कोई अन्य सामान किसान ना खरीदे। उसके बाद समय सिंह प्रधान ने बताया अगर 15 दिन के अंदर इन बातों पर अमल नहीं हुआ तो भारतीय किसान यूनियन चढूनी एक बहुत बड़ी लड़ाई के मूड में है। रेवाड़ी के पीड़ित किसानों के साथ बिल्कुल अगली पंक्ति में खड़ी है। गांव गांव जाएंगे किसानों को एकत्र करेंगे और एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन सचिवालय गेट के सामने करेंगे।
इस मौके के ऊपर यूनियन की तरफ से शीशराम साहब, कैलाश भोतवास, मनीषा यादव, देशराज डूंगरवास, लोकेश बावल, राजपाल, मनफूल चौधरी, अशोक रोहड़ाई, श्याम सुंदर दरोगा, राजकुमार वेद प्रकाश और प्रशासन की तरफ से डीसी साहब के साथ डीआरओ प्रदीप देशवाल व अन्य कई किसान नेता मौके के ऊपर मौजूद थे। आगे चर्चा डीसी साहब के साथ हुई और जिलों में 10 क्विंटल बाजरा खरीदा जाता है और रेवाड़ी जिले में 8 क्विंटल बाजार खरीदा जाता है। जिससे बीमा का भी हमें किसानों को नुकसान होता है। 2 क्विंटल कम खरीदने से बीमा भी किसानों को कम मिलता है।


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