Rewari News :: रेजांगला शौर्य गाथा के नए संस्करण का श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने विमोचन किया

रेजांगला शौर्य समिति के महासचिव नरेश चौहान राष्ट्रपूत की चर्चित रेजांगला शौर्य गाथा के नए संस्करण का आज तीर्थ क्षेत्र भवन राम कोट अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव श्री चम्पत राय ने अपने कर कमलों से विमोचन किया। अपने सारगर्भित अनुभव साझा करते हुए उन्होंने यात्रा की सफलता की शुभकामनाए भी दी। 



रेजांगला युद्ध के महानायक मेजर शैतान सिंह भाटी परमवीर चक्र के शताब्दी जयंती वर्ष में 17 जून को उनकी जन्म स्थली जोधपुर से चलकर झुंझुनू, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, बहरोड, रेवाड़ी, गुरुग्राम, झज्जर, खरखोदा- सोनीपत, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा, एटा, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, उन्नाव, फतेहपुर, प्रयागराज, बनारस, गाजीपुर, सुल्तानपुर के रास्ते रेजांगला शहीद परिवारों को सम्मानित करते हुए अयोध्या धाम पहुंची  रेजांगला पराक्रम यात्रा का भवन में आत्मीय सत्कार हुआ । पुस्तक के नए संस्करण की विशेष बात यह है कि इस विश्व की अद्वितीय लड़ाई में शहीद हुए सभी अमर शहीदों के दुर्लभ चित्र पहली बार प्रकाशित हुए हैं। मेजर शैतान सिंह को समर्पित नए संस्करण में समिति के संस्थापक मुख्य संरक्षक कर्नल राव राम सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भारतीय सेना के तोपखाना के जांबाज दानवीर रघुबीर सिंह भाटी का संस्मरण भी शामिल है। इस अवसर पर लेखक नरेश चौहान, रेजांगला युद्ध के जीवित महायोद्धा कप्तान रामचन्द्र यादव , यात्रा संयोजक सावन सिंह रोहिल्ला, समाज सेवी संजय सिंह बिष्ट, श्याम लाल यादव, पूजा गुप्ता,सूबेदार गजेंद्र सिंह परिहार,हवलदार पवन मौर्य, सिपाही ओमप्रकाश सिंह नाहर, गिरीश जी, मनीष कुमार, केवल सिंह आदि यात्री दल की टीम के साथ विशेष रूप से उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि रेजांगला शौर्य समिति के मार्गदर्शन में शहीद सेवा दल फाउंडेशन की यह यात्रा पूरे डेढ़ महीने  6500 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर 23 जुलाई को अहीर धाम चूशूल घाटी लेह लद्दाख पहुंचेगी। सावन माह की शिवरात्रि के दिन अहीर धाम पर  अमर शहीदों की समाधि पर गंगाजल अर्पित कर 2 अगस्त को नेशनल वॉर मेमोरियल नई दिल्ली में पूरे परंपरागत सम्मान के साथ यात्रा का समापन होगा।



समिति के महासचिव एवं पुस्तक लेखक नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि 18 नवंबर 1962 को रेजांगला पोस्ट को अपना सर्वोच्च बलिदान देकर बचाने वाले 110 अमर शहीदों में 24 उत्तर प्रदेश के लाल शामिल थे । 13 कुमाऊं की अहीर रेजांगला (चार्ली) कंपनी के 124  शूरवीर जवानों ने चीन की एक पूरी ब्रिगेड का सामना करते हुए 1300 से भी अधिक चीनियों को मौत के घाट उतार कर अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। कंपनी के इन शूरवीरों में अति  शूरवीर वीर 'वीर अहीर' जवानों के सभी नाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, कृष्ण मुरारी, तिलक धारी, महादेव, श्री कृष्ण, धर्म पाल, सत्य देव, देवी सहाय, शीतला प्रसाद, फूल सिंह, गुलाब, हरफूल, बहार के अक्षरों से सुसज्जित भारतीय शौर्य, संस्कृति, आस्था, बलिदान परंपरा की श्रेष्ठतम सैन्य मिसाल है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जन्मभूमि तीर्थ स्थल का दर्शन करते हुए 6 जुलाई को यात्रा हरदोई, फर्रुखाबाद के लिए आगे बढ़ेगी। 9 जुलाई को रेजिमेंट सेंटर रानीखेत और 11 जुलाई को पवित्र सावन माह की शुरुआत हरिद्वार गंगा स्नान से करेगी । रेजांगला शहीद परिवारों के  सम्मान के साथ शहीद परिवारों की एक-एक बालिका को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत रेजांगला शौर्य समिति द्वारा 5/5 हजार रुपये का किसान विकास पत्र अथवा बैंक एफडी की सम्मान राशि भी प्रदान की जा रही है। राष्ट्रीय भावना को जाग्रत करने के उद्देश्य से यह यात्रा आमजन के अपार समर्थन व सहयोग से निरन्तर आगे बढ़ रही है।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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