Rewari News :: रुस्तम ए हिंद दारा सिंह जी का एक परिवार के कारण रहा रेवाड़ी से विशेष लगाव, उनकी पुण्यतिथि 12 जुलाई पर विशेष यादें

पंजाब में अमृतसर के गांव धरमुचक में 19 नवम्बर 1928 को जन्मे दीदार सिंह रंधावा रुस्तम ए हिंद दारा सिंह विश्व के महान फ्री स्टाइल पहलवान, दिग्गज फिल्म अभिनेता व पूर्व राज्य सभा सांसद की कल 12 जुलाई को पुण्यतिथि है। दारा सिंह एक ऐसा नाम है जो ताकत व हौसले का पर्याय है। उनके चाहने वाले ना केवल भारत में बल्कि विश्वभर में है। उस महान पहलवान एवं अभिनेता का रेवाड़ी से विशेष लगाव रहा। उसका कारण थे उनके परम मित्र दिवंगत प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति सुशील कुमार स्वामी। जिनके कारण वे अनेक बार रेवाड़ी आते रहे और इलाके के लोगों को उस महान सख्सियत से रोबरू होने का मौका मिला। इस संदर्भ में स्वर्गीय सुशील कुमार स्वामी के बड़े बेटे यंगमैन्स एसोसिएशन आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा एशियन बाडी बिल्डिंग एवं फिसीक स्पोर्टस फैडरेशन के महानिदेशक अमित स्वामी बताते हैं कि दारा सिंह एवं उनके पिता का रिश्ता एक परम मित्र से भी बढ़कर था। उन्हें पहली बार दारा सिंह से मिलने का अवसर जब मिला जब वे इलाके के प्रसिद्ध शिक्षाविद स्व. मास्टर पिशोरी लाल के उनके निवास स्थान के निकट बाल निकेतन स्कूल में प्राइमरी कक्षा के छात्र रहे और वे अपने जन्म दिन के अवसर पर अपने सहपाठियों को टाफी व चाकलेट भेंट करने हेतु स्कूल गए हुए थे और तभी से बुलावा आया। घर पहुंचने पर वे स्तब्ध रह गए क्योंकि महान पहलवान व अभिनेता दारा सिंह घर के चौक में उनके पिता व अन्य कुछ मिलने वालों के साथ बैठे थे और भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी। 



अमित स्वामी बताते है कि उन्हे देख कर ऐसा लगा कि जैसे कोई सपना देख रहे हो तभी उनके पिता ने कहा कि इनका आशीर्वाद लो। जब दारा सिंह के चरण छूने अमित स्वामी आगे बढ़े तो दारा सिंह ने स्नेहपूर्वक उनके सिर पर हाथ रखते हुए कहा कि बेटे आज तुम्हारा जन्म दिवस है तो अमित ने हां में सिर हिला दिया। दूसरा सवाल यह किया कि आज अपने दोस्तों को क्या खिलाया। इस पर अमित ने जवाब दिया कि टाफी और चाकलेटस। दारा सिंह ने बहुत ही विनम्र लहजे में समझाते हुए कहा कि ‘नहीं बेटे, टाफी-चाकलेटस ना खानी है ना खिलानी है और उन्होंने दो बड़े डिब्बे अमित स्वामी की ओर बढाए और कहा कि अभी स्कूल में वापिस जाओ और अपने दोस्तों को यह खिलाओ। आदेश की पालना करते हुए अमित स्वामी अपने सहपाठी के साथ दोनो डिब्बे लेकर स्कूल पहुंचे तो एक डिब्बे में गाजर का हलवा व दूसरे में ड्राई फ्रूटस थे। परन्तु सभी साथी इन सब का लुत्फ उठाने की बजाय वे उस महान सख्सियत के दर्शन करना चाहते थे और न केवल स्कूल छात्र बल्कि स्कूल का स्टाफ भी अमित के घर की ओर बढ़ चला। परन्तु उनमें से किसी की यह मुराद पूरी नहीं हो सकी क्योंकि वे तब तक वहा से जा चुके थे। इसके अतिरिक्त भी दारा सिंह अनेक मौको पर अपने परम मित्र सुशील कुमार स्वामी के बुलावे पर रेवाड़ी आते रहे और उन्होंने कभी भी अपने चाहने वालों को निराश नहीं किया। इतना ही नही स्व. दारा सिंह वर्ष 2006 में सुशील कुमार स्वामी के छोटे पुत्र अजय स्वामी के शादी समारोह में रेवाडी आकर शामिल हुए जहां उन्होने परिवार के बुजुर्ग की तरह अतिथियों को आदर सत्कार किया। प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में हनुमान जी का किरदार निभाने वाले दारा सिंह लोगों के मन में हनुमान के रुप में अवतरित हो चुके थे। जीवन में उन्होने 500 कुश्तियां लड़ी परन्तु एक में भी हार का सामना नहीं करना पड़ा। व्यक्तिगत जीवन में वे खुशमिजाज एवं जिंदादिल इंसान थे। खान पान में बादाम, दूध, ड्राई फ्रूट, हरी सब्जियों का सेवन वे ज्यादा करते थे। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने दारा सिंह जी के प्रति सम्मान जताते हुए उन्हें राज्यसभा का सांसद मनोनीत किया और वे वर्ष 2003 से 2009 तक राज्यसभा के सांसद रहे। दारा सिंह हिन्दी फिल्मों के अतिरिक्त पंजाबी फिल्मों के भी अभिनेता, निर्माता निर्देशक तथा लेखक रहे। 12 जुलाई 2012 को मुम्बई में वे इस दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन लोगों के मन में अपनी अमिट छाप छोड़ गए।  



उल्लेखनीय है कि अमित स्वामी के अभिन्न मित्र डब्लयूडब्लयूई वर्ल्ड हैवी वेट चैम्पियन, हॉलीवुड, बालीवुड फिल्म अभिनेता दलीप सिंह राणा (द ग्रेट खली) का भी रेवाड़ी से ऐसा ही अनुपम लगाव है। रेलवे स्टेशन माल गोदाम रोड का नामकरण द ग्रेट खली रोड के नाम पर किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त विश्व बॉडी बिल्डिंग के सरताज कहे जाने वाले 6 बार मिस्टर ओलम्पिया का खिताब जीतने वाले इंग्लैंड के डोरियन येटस ने भी वर्ष 1999 में भारत (रेवाड़ी) आकर लोगों को अचम्भित कर दिया था। वे किसी भी दक्षिणी एशियाई देश में आने वाले पहले मिस्टर ओलम्पिया विजेता थे और उन्होंने अपनी पत्नी और साथियों के साथ अमित स्वामी के निमंत्रण पर भारत आकर एक कीर्तिमान रचा। यह उनका स्वामी परिवार के प्रति अनुपम प्रेम है। यह भी अति उल्लेखनीय है कि बाडी बिल्डिंग के पितामह कहे जाने वाले विश्व बाडी बिल्डिंग एवं फिसीक स्पोर्टर्स फैडरेशन के अध्यक्ष, सिंगापुर के दोतक पाल चुआ वर्ष 2008 में बावल स्थित उनके प्रतिष्ठान में पहुंचे थे जहां उनका बड़े पैमाने पर स्वागत किया गया था।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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