Breaking: भारतीय सेना ने लद्दाख में 'आकाश प्राइम' मिसाइल का सफल परीक्षण किया: हिमालयी सीमाओं पर सुरक्षा मज़बूत


लेह, लद्दाख: भारतीय सेना ने लद्दाख के दुर्गम इलाकों में अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को एक नया आयाम दिया है। हाल ही में, सेना ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर उन्नत 'आकाश प्राइम' सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने अपनी असाधारण सटीकता और विश्वसनीयता का प्रदर्शन करते हुए, तेज़ी से आगे बढ़ रहे दो हवाई लक्ष्यों को सीधे निशाना बनाया। यह सफलता विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिमालय की पतली हवा और अत्यधिक ठंडे मौसम जैसी विषम पर्यावरणीय परिस्थितियों में मिसाइल के प्रदर्शन को प्रमाणित करती है।

'आकाश प्राइम' की प्रमुख विशेषताएं जो परीक्षण में सामने आईं:

  • मारक क्षमता (रेंज): 'आकाश प्राइम' की मारक क्षमता लगभग 30 किलोमीटर है, जो मध्यम दूरी की मिसाइल के रूप में इसकी भूमिका के अनुरूप है।

  • ऊंचाई पर लक्ष्य भेदने की क्षमता: यह मिसाइल प्रणाली लगभग 18 किलोमीटर की ऊंचाई तक के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निशाना बना सकती है, जो इसे विभिन्न प्रकार के हवाई खतरों से निपटने में सक्षम बनाती है।

  • उन्नत स्वदेशी तकनीक: 'आकाश प्राइम' पूरी तरह से स्वदेशी सक्रिय रेडियो-फ्रीक्वेंसी सीकर से लैस है। इसमें बेहतर मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणालियाँ भी शामिल हैं, जो ड्रोन और लड़ाकू विमान जैसे कम रडार क्रॉस-सेक्शन वाले लक्ष्यों के खिलाफ इसकी सटीकता को बढ़ाती हैं।

  • उच्च ऊंचाई के लिए विशेष डिज़ाइन: इस मिसाइल प्रणाली को विशेष रूप से लद्दाख जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों की दुर्लभ वायुमंडलीय परिस्थितियों और कठोर मौसम में प्रदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन ऊंचाइयों पर पतली हवा और कम ऑक्सीजन मिसाइल के प्रक्षेपवक्र और प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन 'आकाश प्राइम' ने इन चुनौतियों पर खरा उतर कर दिखाया है।

  • गतिशीलता: यह प्रणाली मोबाइल प्लेटफॉर्म पर स्थापित है, जिससे इसे संवेदनशील सीमाओं के अग्रिम क्षेत्रों में तेज़ी से तैनात किया जा सकता है। यह इसकी रणनीतिक उपयोगिता को और बढ़ाता है।

'आकाश प्राइम' मूल 'आकाश' मिसाइल का एक उन्नत संस्करण है, जिसे विशेष रूप से भारतीय सेना की पर्वतीय सीमावर्ती क्षेत्रों, जैसे चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। लद्दाख में इसका सफल परीक्षण भारतीय सेना की तीसरी और चौथी 'आकाश' रेजीमेंट में इसके शामिल होने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण मजबूती आएगी।

संक्षेप में, लद्दाख में 15,000 फीट की ऊंचाई पर 'आकाश प्राइम' मिसाइल के सफल परीक्षण ने इसकी 30 किलोमीटर की मारक क्षमता और उच्च ऊंचाई पर सटीकता की पुष्टि की है। यह भारत की स्वदेशी वायु रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है और देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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