गोड्डा (झारखंड)। गोड्डा विधानसभा क्षेत्र की जनता को जल्द ही एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। झारखंड सरकार में मंत्री और गोड्डा विधानसभा के विधायक संजय प्रसाद यादव के अथक प्रयासों से, गोड्डा सदर प्रखंड के अंतर्गत सरौनी बाजार में एक नया प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय स्थापित किया जाएगा। यह निर्णय क्षेत्र के लोगों की वर्षों पुरानी मांग और संघर्ष का परिणाम है, जिससे विकास को एक नई दिशा मिलेगी।
मंत्री संजय प्रसाद यादव ने इस पहल को गोड्डा विधानसभा के विकास में एक और मजबूत कड़ी बताया। उन्होंने कहा, "चाहे वोट मिले या ना मिले, हमारा प्रयास हमेशा क्षेत्र के लिए काम करना और कुछ अच्छा करना रहा है, धार्मिक उन्मादों से ऊपर उठकर।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भले ही गोड्डा के पूर्वी क्षेत्र से उन्हें उस कदर प्यार न मिला हो, लेकिन बिना किसी भेदभाव के वे जनता के बीच सेवा देते रहेंगे। उनका मानना है कि जनता की सेवा ही उनका धर्म है, और जनता का विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
सुविधाओं का अंबार, अब नहीं जाना पड़ेगा दूर: इस नए कार्यालय के खुलने से गोड्डा सदर प्रखंड की 12 पंचायतों, जिनमें सरौनी बाजार, रानीडीह, जमनीपहड़पुर, सुगमाटा, घाट बंका, निपनियाँ, बुढ़ीकुस, कुम्हीचक, गायचांद, मारखन, झिलुआ और बडी कल्याणी शामिल हैं, के लोगों को अब विभिन्न सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। राजस्व, जाति, आय, पेंशन जैसी सेवाओं और विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी अब उनके द्वार पर उपलब्ध होगी। यह निर्णय इन क्षेत्रों के गरीब अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति और आम व खास लोगों की गोड्डा सदर प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में होने वाली कठिनाइयों को दूर करेगा। गोड्डा सदर प्रखंड मुख्यालय के दूर होने के कारण विकास कार्यों का सतत निगरानी और निरीक्षण भी ठीक से नहीं हो पा रहा था, जिससे विकास बाधित हो रहा था।
प्रक्रिया और मानदंड: मंत्री संजय प्रसाद यादव द्वारा झारखंड सरकार के श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, उद्योग विभाग के पत्रांक-शि0/आड 38 दिनांक-15.06.2025 के आलोक में यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। उप विकास आयुक्त, गोड्डा द्वारा जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि नए प्रखंड/अंचल के सृजन के लिए कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों का पालन किया जाएगा:
- जनसंख्या: प्रस्तावित प्रखंड की न्यूनतम आबादी 1.25 लाख होनी चाहिए।
- पंचायतें: पुनर्गठित प्रखंड में कम से कम 18 पंचायतें शामिल होनी चाहिए।
- भूमि: प्रस्तावित प्रखंड के साथ-साथ प्रखंड स्तरीय अन्य कार्यालयों के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित होने के उपरांत ही सृजन का प्रस्ताव गठित किया जाएगा।
- पदों की उपलब्धता: प्रस्तावित प्रखंड के पूर्व पदाधिकारियों और कर्मियों की उपलब्धता को भी ध्यान में रखा जाएगा।
- भौतिक संरचना: जब तक मूलभूत भौतिक संरचना का निर्माण न हो जाए, तब तक प्रखंड का कार्य प्रारंभ नहीं किया जाएगा।
- दूरी: प्रखंड अंतर्गत पड़ने वाले पंचायतों/राजस्व ग्रामों की दूरी प्रखंड मुख्यालय से सामान्यतः 25 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
यह पहल गोड्डा विधानसभा के पूर्वी क्षेत्र की दशकों पुरानी मांग को पूरा करती है और स्थानीय लोगों के जीवन को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सिर्फ एक कार्यालय नहीं, बल्कि गोड्डा विधानसभा के विकास और जन सुविधा का प्रतीक है।
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