रेवाड़ी के निर्माणाधीन माजरा एम्स में ओपीडी शुरू करने और इसी सत्र से एमबीबीएस की क्लास माजरा एम्स के नाम शुरू करने की मांग को मुख्यमंत्री की रेवाड़ी में आयोजित सभा में किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा नहीं उठाए जाने पर एम्स संघर्ष समिति मनेठी ने रोष व्यक्त किया है।
एम्स संघर्ष समिति मनेठी के अध्यक्ष कैलाश चंद एवं प्रवक्ता कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट, सचिव ओमप्रकाश सैन ने कहा कि माजरा एम्स का मुद्दा सभी का सामूहिक मामला है ,किसी एक विधान सभा से संबंधित नहीं है, पूरे जिला रेवाड़ी का मुद्दा है। मानवता से जुड़ा हुआ है। जब देश में 22 एम्स में से 12 एम्स निर्माणाधीन है और उन 12 एम्स में ओपीडी शुरू है और उसी एम्स के नाम से अन्यत्र एम बी बी एस की क्लास भी लग रही है तो फिर माजरा एम्स के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है? रेवाड़ी जिला के तमाम जनप्रतिनिधियों समेत मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मुद्दा पहले से ही है। एम्स संघर्ष समिति ने जिला प्रशासन के माध्यम से लिखित में मुख्यमंत्री से एम्स संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को मिलवाने का आवेदन भी किया था परंतु मिलने का समय भी नहीं दिया गया या प्रशासन ने समय लिया नहीं, इस बारे प्रशासन ने एम्स संघर्ष समिति को कोई सूचना नहीं दी गई और ना ही इस ज्वलंत मुद्दे को किसी भी जन प्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री के सामने उठाया। ये सब जनता की भावनाओं के खिलाफ है। एम्स संघर्ष समिति मनेठी ने अब जनता से अपील की है कि संघर्ष से हासिल माजरा एम्स का लाभ तुरंत सभी को मिलना शुरू हो उसके लिए एक बार फिर आंदोलन के लिए आगे आए। एम्स संघर्ष समिति ने जन अभियान शुरू कर दिया है। पर्चा की कॉपी सलग्न है।
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