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मसलिया अंचल क्षेत्र के पहाड़पुर गांव में सड़क किनारे कटा बरगद का पेड़ व टहनियां |
ग्राम समाचार, दुमका। मसलिया अंचल क्षेत्र के गुमरो पहाड़ के नीचे पहाड़पुर गांव सड़क किनारे बरगद पेड़ पर शनिवार रातोंरात आरी चली और अगले सुबह होते लकड़ी माफिया उसका बोटा बनाकर ले गए। ग्रामीणों ने बताया कि यह बरगद का पेड़ पहाड़पुर गांव के ही रैयत स्व बाबूलाल सोरेन का था। पेड़ का मूल भाग को काटकर ले गया। वहीं निचला भाग अभी छोड़ दिया गया है। सम्भवतः उसे भी एक दो दिन में काट लिया जाएगा। सरकार व सरकारी संस्थाएं इन दिनों पर्यावरण संरक्षण व सड़क किनारे वाहनों के धुवें के प्रदूषण रोकने के नियत से लाखों करोड़ों रुपये खर्च कर पेड़ लगवा रहे हैं। लेकिन यहां बेख़ौफ़ माफिया वर्षों पुराने मोटे पेड़ों को निशाना बनाकर उसका नामो निशान मिटाने पर आमादा हैं। एक मोटे पेड़ सड़क किनारे गर्मी के दिनों में सैकड़ों राहगीरों को छाया देती है। वहीं पुराने पेड़ विश्वव्यापी गर्मी को रोकने में सहायक होते हैं। ऐसे पेड़ बनने में सालों लग जाते हैं। लेकिन चंद पैसों के लालच में आकर ग्रामीण अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए ओने पौने भाव में बेच देते हैं। इसका भरपूर लाभ लकड़ी माफिया उठा रहे हैं। गांव में ग्राम प्रधान उनके सहयोगी इन पर लगाम लगाने की कोशिश भी नहीं करते जिससे सड़क किनारे पेड़ दिनोदिन कटते जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं कि सड़क किनारे एक भी छायादार पेड़ नजर नहीं आएगी।
अधिकारियों की ढुलमुल रवैया दे रही इस काम को बढ़ावा- पेड़ काटने की जानकारी अधिकारियों के कान तक पहुंचने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। कभी कभार अखबार मीडिया में आने के बाद उनकी तंद्रा तो टूटती है पर कार्रवाई के नाम पर लीपापोती होकर रह जाती है। मसलिया अंचल क्षेत्र अधिकारियों की इसी लापरवाह कार्यशैली के कारण अब तक किसी भी लकड़ी माफिया को पकड़ने व उस पर नामजद कार्रवाई नहीं हो पाई है जिससे आये दिन पेड़ कटते जा रहे हैं।
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