देश की प्रथम शिक्षिका बात सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर जगह जगह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने प्रख्यात समाजसेविका व महिला शिक्षिका श्रीमती सावित्री बाई फुले की 195वीं जयंती पर अपने कार्यालय में उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। कपिल यादव, अमन कुमार, प्रदीप यादव व अजय कुमार ने भी अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर विद्रोही ने कहा कि जब देश में अंधविश्वास, पांखड, छुआछूत का माहौल था और महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता था, उस समय आज से लगभग 159 वर्ष पूर्व श्रीमती सावित्री बाई फुले अपने पति व प्रसिद्ध समाज सुधारक ज्योति बा फुले से शिक्षा ग्रहण की और स्वयं शिक्षित होकर महिला पाठशाला प्रारंभ करके महिला शिक्षा जागृति की अखंड ज्योत जलाई जब लोग इस दिशा में विचारने तक को तैयार नही थे। विद्रोही ने कहा कि महिला उत्थान, महिला शिक्षाा एवं जागृति में सावित्री बाई फुले का योगदान राष्ट्र व समाज कभी भूला नही सकता है। ऐसी महान महिला नेत्री को शत-शत नमन करते हैं।
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