रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने अपने आवास पर प्रैस कॉन्फ्रेंस की। कहा एससी और ओबीसी विरोधी मानसिकता से पीड़ित है बीजेपी। बीजेपी ने ओबीसी क्रीमी लेयर लिमिट को घटाकर लाखों ओबीसी से छिना आरक्षण। आरक्षण खत्म होने की वजह से नौकरी व उच्च शिक्षा से वंचित हुए हजारों ओबीसी युवा। एससी-ओबीसी को शिक्षा, नौकरी व आरक्षण से वंचित करना चाहती है। इस मौके पर उनके साथ पार्षद सुमित्रा चांदना, पार्षद रंजना भारद्वाज, पार्षद प्रवीण चौधरी, पार्षद सरिता सैनी, पार्षद नरेश हजारीवास, पार्षद चंदन यादव, पार्षद गिरीश भारद्वाज, पार्षद सुरेश शर्मा, अशोक यादव प्रधान अनाज मंडी, पूर्व अध्यक्ष शकुंतला भाडोंरिया, डॉ रामफल, प्रशांत भारद्वाज, नरेश शर्मा, राज कपूर छावडी, पवन पहलवान, प्रधान बीर सिंह प्रजापत, संजय प्रधान इत्यादि मौजूद रहे।
रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि बीजेपी पूरी तरह एससी और ओबीसी विरोधी मानसिकता से पीड़ित है। इसलिए जब से प्रदेश की सत्ता में भाजपा आई है, वो लगातार दलित और पिछड़ों के आरक्षण व अधिकारों पर कुठाराघात कर रही है। इसी कड़ी में बीजेपी ने पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की क्रिमी लेयर को 8 लाख से घटकर 6 लाख किया था। साथ ही इसमें बीजेपी ने कृषि और वेतन की आय को भी जोड़ दिया। जबकि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 27.5.2013 को क्रीमी लेयर की आय सीमा को निर्धारित करते हुए इससे कृषि और वेतन की आय को अलग कर दिया गया था। विधायक चिरंजीव राव ने टूटी सड़क, गुंडागर्दी आदि मुद्दों को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि आज केंद्र की क्रीमी लेयर लिमिट भी 8 लाख रुपये है। लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार ने इसे घटाकर 6 लाख कर दिया और इसमें कृषि व वेतन की आय भी जोड़ दी। इसके चलते पिछड़ा वर्ग के लाखों लोग आरक्षण के अधिकार से वंचित हो गए। अब पिछड़ा वर्ग के सामने बीजेपी की सच्चाई उजागर हो गई तो बीजेपी की तरफ से ये लिमिट को बढ़ाकर वापस 8 लाख करने की बात कही जा रही है। जबकि इसको लेकर अभी तक कोई सरकारी दस्तावेज सामने नहीं आया है। इसके बारे में सीएमओ की तरफ से की गई सोशल मीडिया पोस्ट को भी डिलीट कर दिया गया है। चिरंजीवी राव ने कहा वह स्वयं विधानसभा में भी क्रीमी लेयर को 8 लाख करने की मांग कर चुके थे लेकिन तब सरकार के कान पर जूँ तक नहीं रेंग रही थी।
चिरंजीव राव ने कहा कि प्रदेश की नौकरियों में 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हुए हैं। लेकिन बीजेपी जानबूझकर इन पदों को नहीं भर रही। क्योंकि पक्की भर्तियां होंगी तो एससी और ओबीसी को आरक्षण देना पड़ेगा। लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं चाहती। इसलिए पिछड़ा वर्ग के हजारों पद खाली पड़े हुए हैं और एक बड़ा बैकलॉग प्रदेश की नौकरियों में इकट्ठा हो गया है। इसके विपरीत कांग्रेस कार्यकाल के दौरान पिछड़ा वर्ग की सभी जातियों को आरक्षण का उचित लाभ देने के लिए कई कदम उठाए गए। ग्रुप-ए और ग्रुप-बी की अलग-अलग कैटेगरी बनाकर उनको आरक्षण को 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया था। ग्रुप-ए को 10% और ग्रुप-बी को 5% आरक्षण दिया था, जबकि उससे पहले कुल मिलाकर ओबीसी आरक्षण सिर्फ 10% था।
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