उपरोक्त बातें आज राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने पथरगामा प्रखंड के दौर के क्रम में सभा को संबोधित करते हुए कहा की बिहार से झारखंड अलग होने पर प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने ओबीसी समुदाय के साथ और अन्याय किया था उन्होंने ओबीसी का आरक्षण 27% से हटाकर 14% कर दिया था और 7 जिले में ओबीसी का आरक्षण सुनने भी कर दिया था। लगभग 18 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद भी झारखंड की भाजपा सरकार की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। वही हेमंत सरकार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाने के लिए कैबिनेट से और विधानसभा में 27% आरक्षण देने की प्रस्ताव को पारित कर राज्यपाल को भेजा है वही विधानसभा से राज्य में जातीय जनगणना करने की भी प्रस्ताव को पारित किया है इससे जिस तरह बिहार में जातीय सर्वेक्षण के बाद ओबीसी का आरक्षण बड़ा है इस तरह झारखंड में भी सर्वेक्षण के बाद ओबीसी का आरक्षण बढ़ेगा और उसकी हिस्सेदारी भी मिलेगी।
मौके पर जिला अध्यक्ष राजकुमार भगत ने कहा कि निशिकांत दुबे ने इसे लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया है वह ओबीसी एससी एसटी की हितों की रक्षा तो दूर की बात वह उनकी सुध लेने का भी काम नहीं किया है और आज तक 15 सालों के उनके कार्यकाल में अपना कोई अस्थाई ठिकाना भिगोड़ा लोकसभा में नहीं बनाया है। इस बार निष्क्रिय और कॉर्पोरेट के दलाली करने वाले लोगों को इस क्षेत्र की जनता नहीं चुनेगी। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रोफेसर गिरिजा भूषण ठाकुर ने कहा ने कहा कि इस ओबीसी समुदाय इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी प्रदीप यादव के पक्ष में मतदान करेगी।
वहीं प्रदीप विद्यार्थी ने कहा कि अब ओबीसी समुदाय भाजपा को निशिकांत दुबे गुमराह कर वोट लेना चाहते हैं, बहुसंख्यक समाज ओबीसी का वोट तो लेंते हैं, मगर कभी भी लोकसभा में ओबीसी के हितों के लिए आवाज नहीं उठाते।
- ग्राम समाचार, पथरगामा (गोड्डा)।
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