Chandan News: घर-घर दस्तक देती आशा दीदी

ग्राम समाचार,चांदन,बांका। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 17 फरवरी से आयोजित मलेरिया दिवस के तहत चांदन प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चांदन प्रभारी चिकित्सक डॉ प्रीतम कुमार के नेतृत्व में प्रखंड के सभी पंचायत में आशा कार्यकर्ता के माध्यम से एल्बेंडाजोल एवं डीसी का खुराक खिलाई जा रही है.इस आयोजन को सफल बनाने में मुख्य भुमिका क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देकर 2 वर्ष से ऊपर सभी पुरुष महिला एवं बच्चे एवं बच्चियों को दवाई खिलाकर फलेरिया मुक्त ग्राम बनाने में जुटी है। इसी क्रम में अभियान के चौथा दिन मंगलवार को प्रखंड के सभी  पंचायत ग्राम मोहल्ला सहित कुसुम जोरी में भी आशा कार्यकर्त्ता रेखा देवी एवं उसके साथ पति उमाकांत पोद्दार द्वारा लगभग 40 घरों के सदस्यों को दवाई खिलाकर फाइलेरिया से बचाव हेतु जागरूक किया. बता दे की फाइलेरिया को आमतौर पर हाथी पांव के नाम से जाने जाते हैं यह बीमारी मच्छर के काटने से होता है जिसके कारण ज्यादातर लोग दिव्यांगता एवं कुरूपता कराने वाली बीमारी होती है। मच्छर के काटने से अंगों को प्रभावित करता है जैसे हाथ पैर स्तन और जलनांग. चिकित्सक  शोधकर्ता के अनुसार फाइलेरिया संक्रमण 

अधिकतर बचपन में ही हो जाता है बीमारी का पता नहीं चलने में 5 से 15 साल लग जाते हैं जिसके कारण मर्दों में हाइड्रोसील बढ़ाना शरीर के अंगों में सुन जैसे पर हाथ स्तन में सूजन आ जाना आमतौर पर यह लाइलाज लक्षण होता है. यह दवा फाइलेरिया परजीवियों को मार देती है मरते हुए परजीवियों को प्रतिक्रिया स्वरूप कभी-कभी सर दर्द शरीर में दर्द बुखार उल्टी तथा बदन पर चलते जैसी मामूली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती है. यह दवाई खाने से कुप्रभाव जैसे सर दर्द बुखार उल्टी बदन पर चकते आना बीमारी का लक्षण बताया जाता है. बता दे कि यह दवाई प्रतिवर्ष सरकार द्वारा साल में एक बार घर-घर में मुक्त दी जाती है. इस बाबत प्रभारी चिकित्सक डॉक्टर प्रीतम कुमार ने बताया कि फाइलेरिया का रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग आसपास साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना है उन्होंने बताया कि गंदगी से मच्छर पनपते हैं. और मच्छर के काटने से स्वस्थ व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता है जिसके कारण व्यक्तियों को हाथी पांव वह हाइड्रोसील का खतरा बना रहता है. हालांकि यह अभियान 10 फरवरी से लागू है लेकिन चांदन अस्पताल में देर से दवाई उपलब्ध होने के कारण 17 फरवरी से मलेरिया दिवस के तहत दवाई खिलाई जा रही है।वहीं इस अभियान में दुष्प्रभाव जैसी आपातकालीन घटना को लेकर मेडिकल टीम गठित किया गया है ताकी  सेंसेटिव व्यक्तियों का अस्पताल की ओर से निशुल्क समुचित इलाज हो सके।

उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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