Bounsi News: श्री सीताराम विवाह महोत्सव के कार्यक्रम में उमड़ रही है श्रद्धालुओं की भारी भीड़

ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। सोमवार को मंदार की पावन धरती पर स्थित मेला मैदान में सीताराम विवाह महोत्सव एवं श्री श्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के नौ दिवसीय आयोजन को लेकर तीसरे दिन वृंदावन धाम से आई कथा वाचिका साध्वी भाग्यश्री ने श्री अनसूया जी की कथा श्रधालुओं को सुनिई। उन्होंने बताया की एक बार ब्रह्माणी, लक्ष्मी और गौरी में यह विवाद छिड़ा कि सर्वश्रेष्ठ पतिव्रता कौन है? अंत में तय यही हुआ कि अत्रि पत्‍‌नी श्री अनसूया ही इस समय सर्वश्रेष्ठ पतिव्रता हैं। इस बात की परीक्षा लेने के लिये त्रिमूर्ती ब्रह्मा, विष्णु व शंकर ब्राह्मण के वेश में अत्रि-आश्रम पहुँचे। अत्रि ऋषि किसी कार्यवश बाहर गये हुए थे। अनसूया ने अतिथियों का बड़े आदर से स्वागत किया। तीनों ने अनसूयाजी से कहा कि हम तभी आपके हाथ से भीख लेंगे जब आप नग्न अवस्था में सभी  को अलग रखकर भिक्षा देंगी। सती बड़े धर्म-संकट में पड़ गयी। वह भगवान को स्मरण करके कहने लगी "यदि मैंने पति के समान कभी किसी दूसरे पुरुष को न देखा हो, यदि मैंने किसी भी देवता को पति के समान न माना हो, यदि मैं सदा मन, वचन और कर्म से पति की आराधना में ही लगी रही हूँ तो मेरे इस सतीत्व के प्रभाव से ये तीनों नवजात शिशु हो जाँय।" तीनों देव नन्हे बच्चे होकर श्रीअनसूयाजी की गोद में खेलने लगे। बताया गया की अनसूया प्रजापति कर्दम और देवहूति की 9 कन्याओं में से एक तथा अत्रि मुनि की पत्नी थीं। उनकी पति-भक्ति अर्थात् सतीत्व का तेज इतना 








अधिक था के उसके कारण आकाशमार्ग से जाते देवों को उसके प्रताप का अनुभव होता था। इसी कारण उन्हें 'सती अनसूया' भी कहा जाता है। अनसूया ने श्रीराम, सीता और लक्ष्मण का अपने आश्रम में स्वागत किया था। इस दौरान श्रधालुओं ने भक्ति रस का पान किया। श्रधालु वृंदावन धाम से आई कावाचिका साध्वी भाग्यश्री ने श्रीअनसूया जी की कथा को सुन कर मंत्र मुग्ध हो गये। इसके पुर्व सुबह 06:00 बजे से 09:00 बजे तक श्रीरामचरित का मानस का सामूहिक नवाहव्क परायण पाठ किया गया।जानकारी हो कि काफी संख्या में दूर दराज के श्रद्धालु यहां पहुंचे हुए हैं। वहीं मंदार मेला मैदान में प्रवचन सुनने के लिए अभी लोगों की भीड़ पहुंच रही है। इस धार्मिक समागम से चारों ओर वातावरण धार्मिक बना हुआ है। इस कार्यक्रम में देश भर के प्रसिद्ध साधु संत भी पहुंचे हुए हैं। आयोजन समिति द्वारा कार्यक्रम की सफलता को लेकर लगातार सक्रिय सहयोग किया जा रहा है। देर शाम वृंदावन धाम से आये कथावाचक डॉकटर  श्यामसुंदर परासर के द्वारा सुनाए  गए कथा ने श्रधालुओं का मन मोह लिया। उनके मुखारबिंद से श्री राम जन्म तथा बाललीला की कथा सुन कर श्रद्धालु आनंदित हो उठे। इन्होने भगवान के अवतार के बारे में बिस्तारपूर्वक बताया। इस दौरान श्रधालुओं की भाड़ी भीड़ कथा पंडाल में देर रात्रि तक लगी रही। माननीय मंत्री भारत सरकार अश्विनी कुमार चौबे श्री सीताराम विवाह महोत्सव सह श्री श्री 108 लक्ष्मी नारायण महायज्ञ मेँ शामिल हुए। इस  दौरान उन्होंने मंच से श्रधालुओं को अपने जीवन में घटित बक्सर की घटना को सुनाया। उन्होंने श्री राम जी की कथा पे भी प्रकाश डाला। इस दौरान माननीय मंत्री भारत सरकार अश्विनी कुमार चौबे एवं उनकी धर्मपत्नी अनीता चौबे को संपूर्ण कार्यक्रम के संकल्पित सिया दीदी के द्वारा अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुमन सौरभ मौर्य, सचिव देवाशीष पांडे, शंकर प्रसाद सिंह, राजाराम अग्रवाल, धीरज सिंह, निपू झा साहित्य अन्य लोग लगे हुए हैं।

रौशन कुमार,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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