ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। शिक्षाविद व समाजसेवी निकेश कुमार सिंह ने बाबू वीर कुँवर सिंह के विजयोत्सव पर याद करते हुए कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह ने अपनी कुशलता एवं योग्यता के बल पर ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिला कर रख दी थी। बाबू वीर कुंवर सिंह का जन्म भोजपुर जिले के जगदीशपुर में एक जमींदार परिवार में 23 अप्रैल 1777 ईस्वी में हुआ था। बाबू वीर कुमार सिंह बचपन से ही तेजस्वी एवं मेधावी थे। जब अंग्रेजी हुकूमत भारतीयों पर अत्याचार करने लगे और भारतीयों की जागीर को हड़पने का कार्य शुरू कर दिया तब बाबू वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष का ऐलान कियाउन्होंने बेहतरीन युद्ध कौशल
का प्रदर्शन किया और लगभग एक साल तक ब्रिटिश सेना को परेशान किया तथा अंत तक अजेय रहे। वह गुरिल्ला युद्ध कला के विशेषज्ञ थे।अपने तलवार के बल पर फिरंगीयों को खदेड़ खदेड़ कर मारने का काम किया। 15 अगस्त 1857 से 10 फरवरी 1858 के दौरान बाबू कुंवर सिंह ने स्वाधीनता की लड़ाई जारी रखी। 22 मार्च 1858 को आजमगढ़ से 25 मील दूर अतरौलिया नाम के स्थान पर कुंवर सिंह ने मिलमैन की विशाल सेना को और 28 मार्च 1858 को कर्नल डेम्स को पराजित कर आजमगढ़ पर अधिकार किया। आज बिहार ही नही पूरा देश बाबू वीर कुंवर सिंह की वीरता पर फक्र करता है।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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