ग्राम समाचार,चांदन,बांका। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन प्रवीण कुमार प्रणव ने दर्जनों शिक्षकों को एसकेपी विद्या विहार राजपुर प्लस टू आवासीय विद्यालय बांका बिहार में पर्यावरण शिक्षा के विशेष महत्त्व को विस्तार पूर्वक बताया। छात्रों को अपने छात्र जीवन से ही शिक्षकों को पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए विद्यालय,महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में सामान्य और विशेष आयोजन के माध्यम से शिक्षा देना होगा। अपने चारों ओर शुद्धता बनाए रखने होंगे। हवा प्राणवायु ऑक्सीजन देवता की शुद्धता में मिलावट से श्वसन संबंधी विभिन्न प्रकार की बीमारियां बढ़ रही है।जल प्रदूषण की समस्या चिंताजनक है। रासायनिक प्रयोगों द्वारा उपज से प्राप्त भोजन सामग्री के प्रयोग से शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।किताबी शिक्षा से निकल कर
प्राकृतिक शिक्षा प्रायोगिक माध्यम से जरुरी है। ओजोन परत सुरक्षित रहेंगे तभी पृथ्वी पर जीवन सुखमय सुरक्षित होगा। ओजोन परत में छिद्र होने से अल्ट्रावायलेट किरणों से पर्यावरण में आक्सीजन गैस विखंडित होकर फ्री स्टेट में आक्सीजन टूटकर बनने लगता है जो खतरनाक है। पृथ्वी को एक ओर जहां पेड़ पौधे और वृक्षों से प्राणवायु ऑक्सीजन गैस मिलता है वहीं दूसरी ओर समुद्र में कोरल रीफ़ से भून लाइट में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन गैस मिलता है। परंतु समुद्र में करेंट जाल से मछली पकड़ने वालों के चलते कोरल रीफ़ कम होने लगा है और जलीय जीव अन्य जीव के साथ खतरे में है। आक्सीजन की मात्रा पर्यावरण में घटना शुरू हो गया है। सस्पेंडेड पार्टिकल की संख्या बढ़ती जा रही है। क्लोरोफ्लोरोकार्बन बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। सरकार और समाज के सामंजस्य और छात्रों को बुनियादी स्तर से ही पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण नियंत्रण की शिक्षा से ही कुछ बदलाव आयेगा। मौके पर दर्जनों शिक्षाकर्मियों ने प्रवीण कुमार प्रणव से प्रशिक्षण प्राप्त किया और लाभान्वित हुए।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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