ग्राम समाचार,चांदन,बांका। चांदन प्रखंड क्षेत्र के ज्ञान भवन कड़वामारन में 22 मार्च 2023 को दलित मुक्ति मिशन लोक मंच तथा सामाजिक सुरक्षा मंच के संयुक्त तत्वावधान में बिहार दिवस के अवसर पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्घाटन समाजिक कार्यकर्ता सुनीता देवी के अध्यक्षता मेंं संस्था के निदेशक महेंद्र कुमार रौशन ने किया। इस अवसर पर श्री रौशन ने अपने वक्तव्य में कहा कि विहार शब्द का अर्थ मठ होता है। बौद्ध धर्म बौद्ध भिक्षुओं की रुकने की वह जगह जहां पर वह प्रार्थना कर सके, उसे विहार कहते हैं। तुर्को ने विहार को बिहार शब्द से उच्चारित किया। कुछ समय बाद ज्यादातर लोग इस शब्द का उच्चारण करने लगे। इस तरह कभी मगध कहा जाने वाला प्रदेश बिहार के रूप मे प्रचलित हो गया। बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है। यह जनसंख्या के हिसाब से भारत का तीसरा बड़ा राज्य है। बिहार का
इतिहास का पता महाभारत से लगाया जा सकता है। प्राचीन इतिहास में बिहार को मगध के नाम से जाना जाता था। मगध की राजधानी पाटलिपुत्र थीं। बिहार पर मौर्य, गुप्त और पाल सहित कई राजबंशों का शासन था। इस दौरान बिहार में बौद्ध धर्म का विकास हुआ। आजही के दिन 22 मार्च 1912 को बंगाल, उडीसा से अलग बिहार प्रदेश पूर्णतः अस्तित्व में आया था। वैसे बिहार को राज्य का दर्जा 26 जनवरी 1950 को मिला। इस अवसर पर लोक मंच के कार्यकर्ता बलराम दास, रानी शर्मा, अम्बेडकर युवा मंच के सदस्य करिश्मा कुमारी, खुशबू कुमारी, साबित्री बाई फुले माता समिति के नेतृत्वकर्त्ता सरिता देवी, रूबी देवी, रीना देवी, करमनी कुमारी आदि अन्य वक्ताओं ने बताया कि आज का लगभग 11 करोड़ की आबादी वाला हमारा बिहार 94,163 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जिसमें 38 जिला, 538 प्रखंड, 49 नगर परिषद, 12 नगरनिगम तथा 80 नगर पंचायत है।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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