ब्यूरो रिपोर्ट ग्राम समाचार बांका। बुधवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। चैत्र नवरात्रि के शुरू होते ही नया हिंदू विक्रम संवत 2080 भी शुरू हो गया। इस दिन महाराष्ट्र में हिंदू नववर्ष को गुडी पड़वा के रूप में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। शारदीय और चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास तरीके से मनाया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-उपासना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन यानी चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ देवी आराधना शुरू हो जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत रखने के कुछ नियम होते हैं जिसका पालन करना बहुत ही जरूरी होता है। बताते चलें कि,कलश स्थापना के साथ ही प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है और मान्यता है कि माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं, इसीलिए इनको
सफेद रंग बेहद प्रिय है। इस दिन मां को गाय के घी का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और देवी मां अपने भक्तों को हर संकट से मुक्ति देती हैं। इसी कड़ी में चैत्र नवरात्र के अवसर पर बौंसी पुरानी हाट स्थित दुर्गा मंदिर में प्रतिमा का निर्माण कार्य जारी है। यहां पर कलश स्थापना के साथ ही चैती नवरात्र का शुभारंभ बुधवार से भव्य तरीके से किया गया है। आयोजन समिति के द्वारा कई प्रकार की तैयारियां की गई है। दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष राजू सिंह ने बताया कि मंदिर में प्रतिमा का निर्माण मूर्तिकार सुबल साह के द्वारा किया जा रहा है। वहीं राम नवमी के अवसर पर भव्य जुलूस निकाला जाएगा। जिसमें घोड़े बैंड बाजे एवं अन्य प्रकार की झांकियां मौजूद रहेगी। जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगी। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पूजा समिति अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह,संयोजक सौरव चौघरी, सचिव प्रदीप घोष, उपाध्यक्ष बाल्मीकि मोदी (बंटी कुमार), सह सचिव केशव कुमार, उप कोषाध्यक्ष रवि कुमार ,विकाश कुमार ,प्रवीन कुमार बिट्टू भगत सहित अन्य की अहम भूमिका है।
कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बांका।
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