ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- मधु श्रावणी के सातवें दिन मिथिला ब्राहमण समाज की नवविवाहितो द्वारा श्रद्धा और भक्ति पूर्ण माहौल में पार्वती शंकर भगवान की पूजा अर्चना किया गया। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि से शुक्ल पक्ष तृतीया तक चलने वाले मिथिला संस्कृति के लोक पर्व मधुश्रावणी नवविवाहिता बड़ी ही श्रद्धा भक्ति से कर रही है। इस वर्ष यह व्रत 18 जुलाई से शुरु हुआ है और इसका समापन 31 जुलाई को होगा। शहर के साकेत पूरी स्थित निर्मल मिश्रा की पुत्री मोना कुमारी भी इस वर्ष यह व्रत कर रही है। नवविवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र एवं उसके सुख में जीवन की कामना के लिए शिव पार्वती से आशीष मांगती हैं। इसमें नवविवाहिताएं 14 दिनों तक बहुत सी कठिन साधना भक्ति से प्रतिदिन पूजन करती है। मोना कुमारी ने बताया कि मैनी का पत्ता, अकवन के फूल, बेलपत्र से महादेव गौरी, नाग नागिन की मूर्ति बनाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है। पूजा के अंत में भाई द्वारा बहन को उठाया जाता है। इस पूजा में खास विशेषता यह है कि इसमें यजमान के साथ-साथ पुरोहित भी महिला ही होती है। जो कथा सुनाती है। मौके पर मोना के भाई नितेश कुमार मिश्रा, शालू कुमारी सुनीता देवी, गुड़िया देवी, उतिमा देवी, समेत दर्जनों महिला श्रद्धालु उपस्थित थे।
Godda News: मधुश्रावणी व्रत का सातवां दिन संपन्न
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- मधु श्रावणी के सातवें दिन मिथिला ब्राहमण समाज की नवविवाहितो द्वारा श्रद्धा और भक्ति पूर्ण माहौल में पार्वती शंकर भगवान की पूजा अर्चना किया गया। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि से शुक्ल पक्ष तृतीया तक चलने वाले मिथिला संस्कृति के लोक पर्व मधुश्रावणी नवविवाहिता बड़ी ही श्रद्धा भक्ति से कर रही है। इस वर्ष यह व्रत 18 जुलाई से शुरु हुआ है और इसका समापन 31 जुलाई को होगा। शहर के साकेत पूरी स्थित निर्मल मिश्रा की पुत्री मोना कुमारी भी इस वर्ष यह व्रत कर रही है। नवविवाहिताएं अपने पति की लंबी उम्र एवं उसके सुख में जीवन की कामना के लिए शिव पार्वती से आशीष मांगती हैं। इसमें नवविवाहिताएं 14 दिनों तक बहुत सी कठिन साधना भक्ति से प्रतिदिन पूजन करती है। मोना कुमारी ने बताया कि मैनी का पत्ता, अकवन के फूल, बेलपत्र से महादेव गौरी, नाग नागिन की मूर्ति बनाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है। पूजा के अंत में भाई द्वारा बहन को उठाया जाता है। इस पूजा में खास विशेषता यह है कि इसमें यजमान के साथ-साथ पुरोहित भी महिला ही होती है। जो कथा सुनाती है। मौके पर मोना के भाई नितेश कुमार मिश्रा, शालू कुमारी सुनीता देवी, गुड़िया देवी, उतिमा देवी, समेत दर्जनों महिला श्रद्धालु उपस्थित थे।



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