Bhagalpur news:त्याग और बलिदान का त्योहार है ईद-उल-अजहा - शाह हसन, सज्जादानशींन ने शांतिपूर्ण और सद्भावना के साथ की त्योहार मनाने की अपील


ग्राम समाचार, भागलपुर।  खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशींन सैयद शाह फखरे आलम हसन ने गुरुवार को कहा कि 10 जुलाई को लोग हजरत इब्राहिम अलैहि सलाम की सुन्नत को याद कर खुदा की राह में जानवरों की कुर्बानी पेश करेंगे। ईद-उल-अजहा त्याग और बलिदान का त्योहार है। हर माल और दौलत वालों पर अल्लाह ने कुर्बानी वाजिब किया है। सैयद हसन ने कहा कि दरअसल बकरीद का त्योहार हजरत इब्राहिम अलैहि सलाम की सुन्नत है और उम्मते मोहम्मदिया अल्लाह के रास्ते में जानवरों की कुर्बानी करते हैं और रहती दुनिया तक यह सिलसिला जारी रहेगा। कुर्बानी के जानवरों के गोस्त (मांस) को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। एक हिस्सा गरीबों और असहाय, दूसरा हिस्सा दोस्तों को देना और तीसरा हिस्सा अपने लिए रखने का हुक्म है।   सज्जादानशींन सैयद हसन ने कहा कि अल्लाह ने मुसलमानों को दो ईद अता की एक ईद-उल-अजहा और दूसरा ईद-उल-फितर  शामिल हैं। ईद-उल-जोहा (बकरीद) के संबंध में अल्लाह के अंतिम पैगंबर जनाब मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जिनको अल्लाह ने दौलत दी है अगर वह कुर्बानी न करें तो उन्हें ईदगाह आने की जरूरत नहीं है।    इस त्योहार में दूसरे धर्म के मानने वालों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। उन्हें किसी प्रकार की परेशानी ना हो। सज्जादानशींन सैयद हसन ने अपने संदेश में कहा कि ईद-उल-जोहा (बकरीद) का त्योहार त्याग और बलिदान का पर्व है ।लिहाजा लोगों को शांतिपूर्ण और सद्भावना के साथ मनाना चाहिए। ऐसी किसी प्रकार का कार्य नहीं होना चाहिए जिससे किसी धर्म के मानाने वालों को आहत पहुंचे।

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Editor - Bijay shankar

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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