हरियाणा सरकार ने गरीब परिवारों के बच्चो की निजी स्कूलों में शिक्षा के हक नियम 134-ए को समाप्त करने का नोटिफिकेशन 28 मार्च 2022 को जारी किया, था ओर कहा था कि पूरे प्रदेश में RTE act 2009 (शिक्षा का अधिकार कानून केंद्र सरकार के कानून) के तहत नर्सरी ओर पहली कक्षा से दाखिले होंगे और उन्हें आठवी कक्षा तक प्रदेश के निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा मिलेगी सरकार द्वारा 134-A को समाप्त करने के आदेश पर पूरे प्रदेश में इसका विरोध सुरु हुआ तो हरियाणा सरकार बैक फुट पर आई और हरियाणा शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर ने ब्यान दिया कि 134-A समाप्त नही किया उसे दोबारा से बहाल किया जा रहा है, परन्तु ये भी आमजन को गुमराह करने का एक तरीका था, शिक्षा मंत्री ने अपने बयान का नोटिफिकेशन कोई जारी नही किया, सिर्फ गरीबो के हक के साथ खिलवाड़ करने का एक मात्र चाल चली अब बात करे सरकार के RTE act के दाखिलों की जिसकी सरकार और निजी स्कूल बार बार सहमति जता रहे थे, उनके आवेदन फॉर्म 16 अप्रैल से सुरु हुए 25 अप्रैल तक होंने है आज तारीख 21 अप्रैल हो गई आज तक पूरे प्रदेश के किसी भी जिले में एक भी आवेदन फॉर्म RTE act के जमा नही हो पाए, क्योकि न तो विभाग इसके लिये तैयार है न ही निजी स्कूल, साफ साफ जाहिर है निजी स्कूल और सरकार गरीब परिवारों के बच्चो को शिक्षा देना ही नही चाहते, जिसके लिये कैलाश चंद एड्वोकेट ने शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई है जल्दी से जल्दी 134-A को बहाल करने के आदेश जारी करके 134 के आवेदन सुरु करे वर्ना वे जल्दी ही उच्च न्ययालय की शरण लेंगे.
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