ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- गोड्डा प्रखंड अंतर्गत दारुल उलूम रानीडीह के संस्थापक प्रधान मौलाना कमरुज्जमा कासमी का आकस्मिक निधन हो गया| उनके जनाजा की नमाज में भारी भीड़ उमड़ी थी। गोड्डा जिला सहित आस पास के इलाके से बड़ी संख्या में मौलाना कमरुज्जमा को चाहने वाले उनकी आखिरी रसुमात में रानीडीह कब्रिस्तान पहुंचे थे। मंगलवार को उन्हें रानीडीह कब्रिस्तान में सुपूर्द ए ख़ाक कर दिया गया। नमाज जनाजा में शिरकत कर लौटे राज्य हज समन्वयक हाजी इकरारुल हसन आलम ने कहा कि मौलाना कमरुज्जमा का नाम दिनी तालिम और धार्मिक शिक्षा के प्रसार प्रचार के लिए पुरे जिले में जाना जाता था वह एक नेक दिल इंसान, मिलनसार और सामान्य स्वभाव के व्यक्ति थे| उन्होंने अपने पैतृक गांव रानीडीह में एक बड़ा आधुनिक शिक्षा संस्थान की स्थापना की थी| जहां पर दुर दराज के गरिब छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते थे| वह अनाथालय भी चलाते थे। हाजी हसन आलम ने यह भी कहा कि मौलाना जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गांव टोला में बहुत सारे मकतब भी चलाया करते थे, जहां पर शिक्षा का बंदोबस्त था। रांची से मिट्टी देने पहुंचे झारखंड ओलमा संघ के अध्यक्ष अब्दुल्ला अजहर कासमी ने कहा कि मौलाना की कमी हमेशा महसूस की जाएगी| ऐसे दिलदार आलिम बहुत कम दुनिया में मिलते हैं।
Godda News: मौलाना कमरुज्जमा मंगलवार को सुपुर्द ए खाक
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- गोड्डा प्रखंड अंतर्गत दारुल उलूम रानीडीह के संस्थापक प्रधान मौलाना कमरुज्जमा कासमी का आकस्मिक निधन हो गया| उनके जनाजा की नमाज में भारी भीड़ उमड़ी थी। गोड्डा जिला सहित आस पास के इलाके से बड़ी संख्या में मौलाना कमरुज्जमा को चाहने वाले उनकी आखिरी रसुमात में रानीडीह कब्रिस्तान पहुंचे थे। मंगलवार को उन्हें रानीडीह कब्रिस्तान में सुपूर्द ए ख़ाक कर दिया गया। नमाज जनाजा में शिरकत कर लौटे राज्य हज समन्वयक हाजी इकरारुल हसन आलम ने कहा कि मौलाना कमरुज्जमा का नाम दिनी तालिम और धार्मिक शिक्षा के प्रसार प्रचार के लिए पुरे जिले में जाना जाता था वह एक नेक दिल इंसान, मिलनसार और सामान्य स्वभाव के व्यक्ति थे| उन्होंने अपने पैतृक गांव रानीडीह में एक बड़ा आधुनिक शिक्षा संस्थान की स्थापना की थी| जहां पर दुर दराज के गरिब छात्रों को मुफ्त शिक्षा देते थे| वह अनाथालय भी चलाते थे। हाजी हसन आलम ने यह भी कहा कि मौलाना जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के गांव टोला में बहुत सारे मकतब भी चलाया करते थे, जहां पर शिक्षा का बंदोबस्त था। रांची से मिट्टी देने पहुंचे झारखंड ओलमा संघ के अध्यक्ष अब्दुल्ला अजहर कासमी ने कहा कि मौलाना की कमी हमेशा महसूस की जाएगी| ऐसे दिलदार आलिम बहुत कम दुनिया में मिलते हैं।
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