ग्राम समाचार,चांदन,बांका। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आदिवासी बहुल क्षेत्र के चांदन प्रखंड के उत्तरी बारने पंचायत के सातो गांव में सोहराई (वंधना) पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया। इस पर्व में मुख्य रूप से परायनिक बाबा सोनेलाल हेंब्रम, जोग मांझी बाबा रामजीत हेंब्रम, नाइके बाबा छोटेलाल मुर्मू, मांझीलाल बाबा शिवलाल मुर्मू, के संयुक्त में संपन्न कराया गया। इस आयोजन को शगुन महा सारी सोहराई बोछोर पोरोव के रूप में जाने जाते हैं। इस पर्व को आदिवासी बाहुल्य समाज के लोगों ने प्रत्येक वर्ष पोष माह में मकर सक्रांति के अवसर पर मनाते हैं, इस पर्व के आयोजन में बेटी दामाद को आमंत्रित करता है, और 4 दिनों तक अपने गांव में प्रधान के उपस्थिति में विधिवत
पूजा अर्चना करते हैं तथा अंतिम दिन आदिवासियों का टोली के सामूहिक रूप में पारंपरिक लोकगीत ढोल नगाड़े के थप्पड़ बुजुर्ग महिलाएं युवक युक्तियां बच्चे बूढ़े मांझी हराम के संयुक्त में मिलकर सही घर घर पर जा जाकर (जाले)नायके यानी चूड़ा इत्यादि सामग्री मांग कर इकट्ठा करते हैं और तरह-तरह के व्यंजनों बनाकर भोज का आयोजन करते हैं कथा नया सूट एवं नगाड़ा के सहारे बैलों को रिहानी का सिलसिला मैं रात भर लोग झूमते गाते हैं साथ ही साथ 1 दिन पूर्व इस आयोजन में आदिवासी समाज के लोगों ने बंदर खुंटा का आयोजन करते हैं इसे आयोजन में आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा बैल को खूंटे में बांध के अपनी परंपरागत तरीके से बेल को रिझाया जाता है। इस अवसर पर गांव के प्रधान शिवलाल मुर्मू, नाईक बाबा (पुजारी) छोटेलाल मुर्मू लकी राम मुर्मू, संजय हेंब्रम, तारिणी मुर्मू,रसिक हेंब्रम, इत्यादि के साथ दर्जनों महिला-पुरुष उपस्थित थे।
उमाकान्त साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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