रेवाडी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि के तीनों काले कानूनों को वापिस लेने की घोषणा के बाद विधायक चिरंजीव राव किसानों को बधाई देने के लिए गंगायचा टोल पर किसानों के बीच पंहूचे। विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि इस संघर्ष में हमारे 700 से अधिक किसानों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिसका हमें बहूत दुख भी है उनको हम अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हट के कारण ही इतने किसान शहीद हुए हैं। यदि प्रधानमंत्री अपनी हट छोडकर पहले किसानों की बात मान लेते तो इतने किसान शहीद नही होते। हमारी मांग है कि सभी किसानों को शहीद का दर्जा दिया जाए व जिन किसानों पर बर्बता कर लाठी चार्ज और मुकदमें दर्ज किए हैं उन मुकदमों को वापिस लेकर आर्थिक मदद की जाए। इसके अलावा सरकार को साथ-साथ न्यूतम समर्थन मूल्य पर भी कानून बनाना चाहिए। चिरंजीव राव ने कहा कि मौजूदा आंदोलन की भांति भविष्य में भी किसानोंं, मजदूर, गरीब, व्यापारी सभी के साथ जायज संघर्षों में कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता आपके कंधे से कंधा मिलाकर आपके साथ खडा मिलेगा और आपकी आवाज को बुलंद करेगा।
Rewari News : विधायक चिरंजीव राव किसानों को बधाई देने गंगायचा टोल पर किसानों के बीच पंहूचे
विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि जिस तरह से किसानों ने कृषि कानून वापसी के लिए संघर्ष किया है, इसे अगली पीढय़िां किताबों में पढ़ेंगी। यह खेती बचाने व आत्मसम्मान की लड़ाई थी। इसमें सरकार को झुकना पड़ा। घोषणा से साफ हो गया कि कानून किसान हित में नहीं थे। किसानों ने एक साल कड़ी सर्दी व धूप में मांगों को लेकर धरना जारी रखा। वह सरकार के दबाव के बावजूद पीछे नहीं हटे। उनकी हिम्मत की वजह से ही सरकार को झुकना पड़ा। श्री राव ने कहा कि यूपी व पंजाब के चुनावों में संभावित नुकसान को देखते हुए अब जाकर सरकार की आंख खुली है। लेकिन चुनाव में भी भाजपा को कोई फायदा नही होगा और भाजपा बुरे तरीके से हारेगी। उन्होने कहा कि देश की कृषि व्यवस्था को कारपोरेट के हाथों से बचाने के लिए ऐतिहासिक आंदोलन करने वाले किसानों को आतंकवादी कहने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। किसानों ने अपने सत्याग्रह आंदोलन से जीत हासिल करके पूरी दुनिया के सामने आदर्श उदाहरण पेश किया है कि हमारे देश में नफरत व हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। श्री राव ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर शहीद किसानों की याद में स्मारक बनवाएगें।
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