ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। बौंसी प्रखंड स्थित बिहार सरकार द्वारा संचालित तकनीकी कौशल विकास केंद्र एंजेल कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर के प्रांगण में नेहरू युवा क्लब बौंसी के तत्वाधान में मदन मेहरा की अध्यक्षता में संविधान दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जीवनी पर भी प्रकाश डाला गया। साथ ही भारत के संविधान के बारे में भी चर्चा की गई। वहीं भारत के संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर शपथ ली गई। कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए संस्थान के संचालक कुमार चंदन ने कहा कि,15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और 26 जनवरी 1950 को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। क्योंकि उस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यह कांग्रेस पार्टी थी। जिसने सबसे पहले संविधान सभा की मांग की थी। 1940 में ब्रिटिश सरकार ने इस मांग को स्वीकार कर लिया।
भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए एक संविधान सभा का गठन किया गया था। संविधान सभा के पहले अध्यक्ष चुने गए जो डॉ सच्चिन्दानंद सिन्हा थे और डॉ बी आर अंबेडकर को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। 26 नवंबर 1950 को, भारत का संविधान वह कानून था। जिसका पालन सभी भारतीयों को करना था। लंबे समय तक भारत के संविधान के प्रभावी होने के साथ, इसका अत्यधिक महत्व था। इसने ब्रिटिश प्रभुत्व को पूरी तरह से उखाड़ फेंकने का संकेत दिया। यह एक ऐसे देश को दर्शाता है। जहां उनके लोग अपने लोगों पर शासन करते हैं। इसने सभी के लिए समानता की घोषणा की, जो ब्रिटिश पदानुक्रम में मौजूद नहीं था। चूंकि यह इतनी बड़ी उपलब्धि थी और एक बड़ा मील का पत्थर तक पहुंच गया था, डॉ बीआर अंबेडकर की 125 वीं जयंती पर, 19 नवंबर 2015 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर को भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया, तब से डॉ बीआर अंबेडकर ने इसके अस्तित्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस अवसर पर प्रवेश झा, सुमित मिश्रा, प्रीति झा, शीला झा, प्रियंका कुमारी, बंदना कुमारी, अलका कुमारी, शिवानी कुमारी, दीपा कुमारी, साधना कुमारी, रंजन कुमार शर्मा गुलाम शमशीर अहमद, अभिनव कुमार, मोनू कुमार, मीरा कुमारी, रितु मिश्रा, रौनक परवीन सहित दर्जनों छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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