सांसद राव इंदरजीत सिंह ने अहीर कॉलेज के सैकड़ों सदस्यों को हटाकर कालेज हड़पने की नियत से अपने परिवार के सदस्यों को शामिल करके जेबी संस्था बना दिया। इसलिए राव इंद्रजीत सिंह को कॉलेज का नाम बदलकर राव इंद्रजीत सिंह कॉलेज रख देना चाहिए।
पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ने अहीर कॉलेज की रजिस्ट्री का मामला सामने आने के बाद प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि राव इन्द्रजीत सिंह ने अहीर कॉलेज के उन सभी सदस्यों को धीरे-धीरे बाहर कर दिया जो लोग अहीर कालेज के सदस्य हुआ करते थे। जिन्होने अहीर कालेज की स्थापना करने मे रुपया दान दिया था। आज साफ हो गया है कि भविष्य में अहीर कॉलेज का नामो निशान मिटाकर संस्था की जमीन भी बेच दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर राव इंदरजीत सिंह ईमानदार है तो जनता के सामने आए जो सदस्य अहीर कॉलेज में थे उन सदस्यों को क्यों हटाया गया साफ करें, दूसरा राव इंदरजीत सिंह में नैतिकता है तो जिन सदस्यों को हटाया गया है उनके परिवार के लोगो से माफी मांग कर उनके परिवार के सदस्यों को दोबारा सदस्य बनाया जाए। सतीश यादव ने कहा कि राव मोहर सिंह की मूर्ति आज भी अहीर कॉलेज में लगी हुई है और उनके परिवार के लोगों को माल्यार्पण करने के लिए भी कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाता।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से हरियाणा में
जाट समुदाय, अग्रवाल समाज व अन्य समाज की शिक्षण संस्थाएं चल रही है। उनमें लगातार सदस्यों की संख्या बढ़ रही है और वहां पर निरंतर शिक्षा का स्तर बढ रहा है। लेकिन अहीर कॉलेज में आज तक कालेज के अलावा कोई भी नया शिक्षण संस्थान न जुड़ना भी राव इंदरजीत सिंह की बदौलत हो रहा है। क्योंकि नियत ही कॉलेज की जमीन को हड़पने की रही है और यह रजिस्ट्री होने के बाद साफ हो गया है।
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