पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ने कहा कि शहीदी दिवस समारोह मे सांसद इंद्रजीत सिंह ने शहीदों की कसम खा कर कहा कि अहीर कॉलेज मे भ्रष्टाचार नहीं होगा लेकिन अहीरवाल की जनता सांसद के जवाब से संतुष्ट नही है। सतीश यादव ने सांसद से सवाल किया कि अहीर कॉलेज के निर्माण में रेवाड़ी दिल्ली यूपी से लेकर गुजरात तक के 36 बिरादरी के लोगों का रुपया लगाया गया। वही शादी विवाह, छूछक आदि में भी अहीर कॉलेज के नाम का दान निकाला जाता था। 1944 से 1957 तक राव मोहर सिंह फाउंडर प्रेजिडेंट रहे उनके बाद मेजर भगवान सिंह 1961 तक रहे जिनके बाद राव सुल्तान सिंह को प्रेजिडेंट बनवाकर सभी सदस्य योजनाबद्ध तरीके से हटाकर इन्द्रजीत सिंह ने कब्जा कर लिया। सतीश यादव ने कहा कि ईमानदारी कसमे खाने से काम नही चलेगा। आप कहते है कि अहीर कालेज को सरकारी कालेज बनने से उनके परिवार ने रोका तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है, यह जनता का कालेज था अगर सरकारी कालेज बन जाता तो क्षेत्र का भला हो जाता। उन्होंने कहा कि यहा जनता का रुपए और लोगो की आस्था लगी है। इसलिए सांसद कालेज की सदस्यता लोगो को दे या सरकार को सौंप दे। सतीश यादव ने कहा इंद्रजीत सिंह जनता को क्यों नहीं बता रहे सोसायटी के सदस्यों के नाम, सदस्यों का नहीं हो रहा खुलासा तो जरूर गड़बड़ नजर आ रही है।
उन्होंने कहा कि अगर अहीर कॉलेज का 1952 में सरकारीकरण होता तो बदल जाती इस क्षेत्र की तस्वीर 15 सालों में अहीर कॉलेज में सांसद साइंस की क्लास तक नहीं लगा पाए । क्षेत्र के पिछड़ेपन के जिम्मेदार राव इंद्रजीत सिंह है उन्होंने कहा कि राव तुला राम के पीछे छिपने का काम करते हैं, बंसीलाल ने जब 23 सितंबर की छुट्टी रद्द की तब सांसद की बहादुरी कहां गई थी, अगर राव तुलाराम का खून होते तो उसी समय देते मंत्रिमंडल से त्यागपत्र, सांसद नहीं है राव तुला राम के वंशज, गोद पर गोद है। सतीश यादव ने कहा कि शेरो शायरी से नहीं चलेगा काम जनता के प्रति हो जवाबदेही। उन्होंने कहा कि थाली में माल समेट थाली लेकर भाग जाते हैं राव इंद्रजीत सिंह और कहते है कि जिस थाली मे खाते है छेद नही करते। राव इंद्रजीत सिंह मौसम वैज्ञानिक है, राव ने आगे की राजनीति के लिए थाली सजा ली है। उन्होंने कहा कि रैली के माध्यम से इस क्षेत्र के विकास का मुद्दा नही उठाया जिससे राव इंद्रजीत सिंह का चेहरा बेनक़ाब हुआ है समय आने पर जनता जवाब देगी।

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