ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
बिहार का विकास बिहार के सर्वांगीण विकास की दिशा में हजारों मजदूर कर्मी अपनी सेवा कर सरकार की मदद करते हैं। मगर जनमानस आज अपनी गरीबी और बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। जबकि सरकार का ऐलान है कि, जनमानस को रोटी,कपड़ा और मकान हर गरीबों को मिले। मगर ऐसा नहीं दिख रहा है। यह तो गरीबों के भावनाओं पर कुठाराघात है। देखा जा रहा है कि, आज की इस भीषण महंगाई में गरीबों के चूल्हे बंद हो गए हैं। युवा रोजगार पाने के लिए शहर को पलायन हो रहे हैं। बेरोजगारों से सारा राज्य भरा हुआ है। जनतंत्र सही दिशा में नहीं है। कभी कोरोना की मार तो कभी महंगाई की मार। दूसरी
ओर गरीबों के रोजी-रोटी पर मार। यानी श्रमिक हितों का कोई भी ख्याल नहीं। अब यहां तक कि सफाई कर्मी भी मुसीबत के घेरे में आ गए हैं। जो सफाई कर्मी टोले,मोहल्ले,शहर की गंदगी साफ करते हैं। आज वह भी मुसीबत में है। वहीं वरिष्ठ समाजसेवी सह जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव मदन मेहरा ने जानकारी देते हुए बताया कि, साल भर पहले दिनांक 15/10/2020 के एक अखबार में महानायक अमिताभ बच्चन का स्टेटमेंट पड़ा था कि, मैला ढोने वाले के खिलाफ हमारा अभियान जारी होगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। जबकि मैला ढोना एक और असंवैधानिक और गैर कानूनी कार्य है। जो आज भी मौजूद है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि, आए दिन सुनने को मिलता है कि, मैला ढोने और सीवर की सफाई करने वाले सीवर की टंकी में गिरकर मौत हो जाती है। पर उसे
देखने वाला कोई नहीं। उसे मुआवजा तक नहीं मिलता है। सरकार भी नजरें फेर लेती है। आज हमारे देश में सफाई कर्मी की स्थिति काफी गंभीर है। नगर परिषद हो या म्युनिसिपालिटी, चाहे नगर निगम हो सफाई कर्मियों को सालों साल वेतन समय पर नहीं दिया जाता है। बच्चे भूखे पेट रोते हैं। जिसके कारण महाजन के कर्ज तले दबता चला जाता है। बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाते हैं। थोड़ा सा होंस संभाला की झाड़ू और कुदाल लिए चल पड़ते हैं, सीवर सफाई के लिए। लेकिन इसके बावजूद भी विभाग इनका वेतन समय पर नहीं देते हैं। सफाई कर्मियों को समय पर वेतन दिया जाना चाहिए। सफाई कर्मियों के बाल बच्चों की शिक्षा पर सरकार और विभाग की नजर होनी चाहिए। आखिर सफाई कर्मी या मजदूर भी एक इंसान है। उसे भी जीने का पूरा अधिकार है।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें