रेवाड़ी, 3 अगस्त। कृषि में फसल विविधिकरण को अपना कर किसान अपनी आमदनी बढ़ाये और फसल बीमा करवा कर खेती के जोखिम से अपने आप को सुरक्षित बनाएं।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कृषि में विविधिकरण बहुत जरूरी है क्योंकि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि परम्परागत खेती की बजाय अन्य फसलें उगाने से जहां एक और किसान को अधिक लाभ मिलता है, वहीं दूसरी ओर देश में किसी भी खाद्यान की कमी दिखाई नहीं देगी।
डीसी ने कहा कि फसल विविधिकरण के साथ-साथ सूक्ष्म सिंचाई के साधनों को अपनाने से पानी की बचत होती है। उन्होंने कहा कि गिरता भू जल स्तर चिंता का विषय है। इसके लिए हमें आज ही सजगता से कार्य करने होंगे, ताकि भूमि का जल स्तर बढ़ सके। यह तभी संभव हो पाएगा जब हम सब मिलकर जल संचय कार्य को एक जन आंदोलन के रूप में परिवर्तित करेगें, चाहे वह फसल विविधिकरण अपनाकर, सूक्ष्म सिंचाई पद्घति अपनाकर किसी भी तरीके से जल का संचय किया जाना चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि जल है तो कल है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जल संग्रह व संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान चलाया हुआ है, जिसमें जल संरक्षण के स्त्रोत को विकसित करना और नागरिकों को जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना शामिल है। डीसी ने किसानों के साथ-साथ जिले के आम आदमी से आह्वïान किया है कि वे सरकार के जल शक्ति अभियान में हिस्सा लें और जल संचय करने में अपना योगदान दे।
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