ग्राम समाचार,पाकुड़। उपायुक्त के अध्यक्षता में एडूकेशन इन पेंडेमिक विषय पर आयोजित बेबीनार का आयोजन शिक्षा विभाग के द्वारा किया गया। जमू लिंक एवं यूट्यूब लिंक के माध्यम से जिले के 1500 से अधिक शिक्षकों ने इस बेबीनार में भाग लिया। उपायुक्त बरुण रंजन ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस पेंडैमिक में बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना बहुत चुनौती पूर्ण कार्य है। उपायुक्त ने स्कूल रिओपनिंग, टीचर एटेंडेंस, टीचर एक्टीविटी पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा व्यापक रूप से प्रभावित हुई है । उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई के लिए शिक्षकों को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। विद्यालय का समय 8 से 2 बजे तक है। जबकि कक्षा का संचालन 8-12 तक ही होगा। कक्षा 9 से 12 तक को शुरू किया गया है। उन्होंने इस बात जोर दिया गया कि पाठ्यक्रम को निर्धारित समय से पूरा करने के लिए विशेष रणनीति तैयार करने की आवश्यकता है। प्रतिभा का सम्मान अपनी लक्ष्य प्राप्ति में अलग तरह का ऊर्जा प्रदान करता है। श्री रंजन ने कहा कि विभाग मैट्रिक, इंटर परीक्षा में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित करे एवं अगले वर्ष इससे बेहतर परिणाम आए इसके लिए साप्ताहिक जांच की व्यवस्था लागू करें ।ताकि बच्चों की किसी खास विषयों में लर्निंग गेप को दूर किया जा सकता है। शिक्षकों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आनलाइन के माध्यम से हम सभी छात्रों तक नहीं पहुंच पाए वावजूद इसके बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखने में कामयाब मिली है। मुहल्ला क्लाश के माध्यम से सुविधा विहिन छात्रों को भी पढ़ाई से जोड़ने का प्रयास जारी रखें। उपायुक्त ने कहा कि शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जहां कहीं भी किसी तरह की परेशानी हो तो आप विभागीय पदाधिकारियों से सहयोग ले सकते हैं। बेबीनार को डीईओ रजनी देवी, जिला शिक्षा अधीक्षक दुर्गा नंद झा, अतिरिक्त कार्यक्रम पदाधिकारी ज्येन्द्र मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाउंडेशन के रवि प्रकाश ने किया। बेबीनार में शिक्षक शशिकपूर साहा, दिलीप कुमार राय, बिनोद सिंह, सुधीर सिंह, कपूर महतो, बिजय नंदन त्रिवेदी, सुरेश वर्मा, पूर्णचंद्र मंडल समेत पूरे जिले के शिक्षक जुड़े हुए थे।
ग्राम समाचार, पाकुड़ राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
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