महागामा के हनवारा के सिरसी गांव निवासी श्री हाफिज अब्दुल अजीज के परिवार के साथ हुए सड़क दुर्घटना के कारण हुए जानमाल के नुकसान पर व्यथित हूं। मेरी परिवार के प्रति पूरी संवेदना, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। विशेषकर मासूम अनम जो इस हादसे के बाद अकेली पड़ गई है। इस मासूम बच्ची पर आज जो कुछ भी गुजर रहा है उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
मैं एक जनप्रतिनिधि होने के साथ एक महिला भी हुँ और मुझे अनम की पीड़ा का एहसास भी है। इस समय मेरे लिए ये राजनीति करने का वक़्त नहीं है।
मैंने हमेशा से कहा कि महागामा का हर परिवार मेरा अपना परिवार है। और इस नाते अनम भी मेरे परिवार का ही एक हिस्सा है।
जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली परिवार के साथ श्री फ़िरदौस मौजूद थे मैं उनके साथ लगातार संपर्क में रही और जो भी प्रशासनिक सहायता चाहिए थी अपने स्तर पर उन्हें मुहैया कराया। परिवार के लोग भी लगातार मेरे संपर्क में थे और उन्हें अस्पताल से झारखंड आने तक जो भी सहायता चाहिए थी उन्हें मदद पहुँचाने के लिए प्रयासरत रही।
श्री हाफिज अब्दुल अजीज और उनका परिवार काफ़ी समय पहले ही उत्तर प्रदेश में ही बस गए थे। इस कारण उनके शवों को झारखंड लाने में भी काफ़ी विलंब हुआ। मैं लगातार उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों के भी संपर्क में हुँ ताकि पीड़ित परिवार को हर संभव मुआवज़ा मुहैया कराया जा सके।
मैंने पहले भी कहा था कि महागामा हर परिवार मेरा परिवार है। और ऐसे में मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि परिवार में इकलौती बची बच्ची अनम की भी ज़िम्मेदारी उठाऊँ। मैं उसे भरोसा दिलाती हुँ कि उसकी शिक्षा की पूरी ज़िम्मेदारी मैं ख़ुद निजी तौर पर उठाऊँगी। वो जहां भी पढ़ाई करना चाहे और भी पढ़ना चाहे उसकी पूरी ज़िम्मेदारी मेरी होगी।
मैं झारखंड सरकार से भी बात कर रही हुँ कि पीड़ित परिवार को जो भी संभव है उन्हें मदद मिले।
इस समय में अपने पारिवारिक परेशानियों के कारण महागामा से बाहर हुँ। मेरे पिता कनाडा में काफ़ी गम्भीर अवस्था में थे और अस्पताल में भर्ती रहे। उन्हें आज रात बड़ी परेशानियों के बाद राँची लाया जा रहा है। कुछ पारिवारिक बाध्यता की वजह से मुझे दिल्ली और राँची के बीच रहना पड़ रहा है।
महागामा का मेरा परिवार भी जानता है कि हर सुख दुःख में पूरी ताक़त के साथ उनके बीच खड़ी रही हूँ। और भविष्य में भी वो सदा मुझे अपने बीच ही पाएँगे।
थोड़ी निजी बाध्यता है इसके लिए क्षमाप्रार्थी हुँ। मैं जल्द ही अपने परिवार के पास लौटूँगी और सबसे पहले अनम से मिलूँगी।
आशा करती हूँ मेरा महागामा परिवार के सदस्य मेरी मजबूरी समझेंगे।
दीपिका पांडेय सिंह
विधायक, महागामा
झारखंड विधान सभा
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