ग्राम समाचार, जामताड़ा ब्यूरो रिपोर्ट:- लोकमंच सचिव, अधिवक्ता एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के प्रबल अनुयायी सर्वजीत झा "अंतेवासी" द्वारा नेताजी पर लिखी शोधपरक पुस्तक " खादी, खाई और खाकी: नेताजी के सपने कितने अपने" का गुरुवार शाम जामताड़ा के पाठकों के बीच लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर श्री अंतेवासी के अनुज सुरजीत झा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस क्लब जामताड़ा के अध्यक्ष अरूप मित्रा, समाजसेवी और प्रसिद्ध हीरा व्यवसायी डॉ. अजमेर अली, जामताड़ा के विभिन्न खेल प्रमुख दीपक दुबे, नितेश सेन, सुरज पासवान, राहुल सिंह, नरेंद्र नारायण, गोड्डा के पंकज यादव सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। पुस्तक का लोकार्पण जामताड़ा गाँधी मैदान अवस्थित जामताड़ा क्लब के उसी प्रशाल में हुआ जहाँ 1 फरवरी 1940 को नेताजी ने जामताड़ा के गाँधी मैदान में जनसमूह को सम्बोधित करने के पश्चात स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय की थी। पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए लेखक के अनुज श्री झा ने बताया कि पुस्तक का द्वितीय संस्करण दिल्ली के जाने-माने प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है जो अमेजन पर भी "नेताजी के सपने कितने अपने" शीर्षक नाम से ऑनलाइन उपलब्ध है।
Jamtara News:खादी खाई और खाकी नेताजी के सपने कितने अपने का विमोचन हुआ
ग्राम समाचार, जामताड़ा ब्यूरो रिपोर्ट:- लोकमंच सचिव, अधिवक्ता एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के प्रबल अनुयायी सर्वजीत झा "अंतेवासी" द्वारा नेताजी पर लिखी शोधपरक पुस्तक " खादी, खाई और खाकी: नेताजी के सपने कितने अपने" का गुरुवार शाम जामताड़ा के पाठकों के बीच लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर श्री अंतेवासी के अनुज सुरजीत झा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस क्लब जामताड़ा के अध्यक्ष अरूप मित्रा, समाजसेवी और प्रसिद्ध हीरा व्यवसायी डॉ. अजमेर अली, जामताड़ा के विभिन्न खेल प्रमुख दीपक दुबे, नितेश सेन, सुरज पासवान, राहुल सिंह, नरेंद्र नारायण, गोड्डा के पंकज यादव सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे। पुस्तक का लोकार्पण जामताड़ा गाँधी मैदान अवस्थित जामताड़ा क्लब के उसी प्रशाल में हुआ जहाँ 1 फरवरी 1940 को नेताजी ने जामताड़ा के गाँधी मैदान में जनसमूह को सम्बोधित करने के पश्चात स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय की थी। पुस्तक के बारे में जानकारी देते हुए लेखक के अनुज श्री झा ने बताया कि पुस्तक का द्वितीय संस्करण दिल्ली के जाने-माने प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है जो अमेजन पर भी "नेताजी के सपने कितने अपने" शीर्षक नाम से ऑनलाइन उपलब्ध है।

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