Jamtara News:राज्य के 13 अधिसूचित जिले में ग्राम प्रधान एवं मानकी मुंडा का संगठन सक्रिय है, मांग के प्रति आंदोलन होगा

 


            विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सोचते ग्राम प्रधान

ग्राम समाचार,जामताड़ा। सोमवार को गांधी मैदान परिसर में परंपरागत राजस्व ग्राम प्रधान की जिला स्तरीय बैठक जिला अध्यक्ष अजीत दुबे की अध्यक्षता में हुई। बैठक में संगठन के प्रमंडलीय नेता शिवलाल मुर्मू शामिल हुए। बैठक में सबसे पहले प्रखंड स्तरीय कमेटी के संगठन विस्तार को लेकर चल रहे गतिविधियों की समीक्षा की गई समीक्षा के उपरांत परंपरागत ग्राम प्रधान एवं इसके सहयोगी कर्मियों के समस्या निदान पर विचार विमर्श किया गया। छह प्रमुख समस्याओं को प्रस्तावित करते हुए मांग पत्र तैयार किया गया। मांग के समर्थन में झारखंड सरकार त्वरित कार्रवाई करें इस निमित्त संगठन के जिला स्तरीय शिष्टमंडल ने झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा। मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने शिष्टमंडल को आश्वस्त किया कि परंपरागत ग्राम प्रधान के सभी समस्याओं से अवगत हैं निदान का प्रयास सरकार के स्तर से किया जा रहा है। 


गांधी मैदान परिसर में परंपरागत बैठक करते राजस्व ग्राम प्रधान 

बैठक में जिला अध्यक्ष ने कहा राज्य के 13 जिले अधिसूचित क्षेत्र में शुमार है। विभागीय उपेक्षा के कारण परंपरागत प्रधानी व्यवस्था केवल संविधान में ही सिमट कर रह गई है। वर्तमान सरकार से उम्मीद है की कोल्हान प्रमंडल के तर्ज पर संथाल परगना के सभी जिले में परंपरागत प्रधानी व्यवस्था को सुदृढ़ एवं सशक्त बनाएंगे। प्रमंडलीय नेता शिवलाल मुर्मू ने कहा राज्य गठन के 20 वर्ष गुजर गए, कई दल सत्ता पर आसीन हुए लेकिन किसी ने भी राज्य के अधिसूचित जिले से लुप्त हो रहे परंपरागत प्रधानी व्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास नहीं किया। कोल्हान प्रमंडल के सात जबकि संथाल परगना प्रमंडल के 6 जिले अधिसूचित क्षेत्र में है इन क्षेत्रों के प्रधानी मौजा में परंपरागत प्रधान अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। भले ही ग्राम प्रधान को संविधान पदक पांचवी अनुसूची का अधिकार से वंचित रहना पड़ रहा हो। अपने अधिकार एवं दायित्व के प्रति संघर्ष करने के लिए प्रत्येक जिले में सशक्त संगठन तैयार हो चुका है। बैठक में नारायणपुर प्रखंड अध्यक्ष हेमन मुर्मू, कर्माटांड़ प्रखंड अध्यक्ष धनंजय सिंह, नारायणपुर प्रखंड सचिव मंसूर अंसारी, जामताड़ा प्रखंड के सेवाशीश सरखेल, गौरी शंकर तिवारी, सुल्तान अंसारी, महादेव, अब्दुल हैय समेत कुंडहित नाला एवं फतेहपुर प्रखंड के परंपरागत ग्राम प्रधान शामिल हुए।

मुख्य मांग : 

-- विभागीय को व्यवस्था के कारण पिछले चार वर्ष से प्रधानी मौजा में रैयत ओं से मालगुजारी राशि वसूली प्रक्रिया बाधित है जिस कारण एक और जहां सरकार को राजस्व राशि से वंचित होना पड़ रहा है वहीं अधिसूचित क्षेत्र में परंपरागत प्रधानी व्यवस्था ध्वस्त हो रही है। प्रधान द्वारा ऑफलाइन मालगुजारी वसूली व्यवस्था को तत्काल प्रभावी बनाया जाए।

-- हूल क्रांति 1856 के बाद से अधिसूचित क्षेत्रों में प्रधानी व्यवस्था प्रचलित है जो कि आज तक वही परंपरा लागू है और वर्तमान काश्तकारी अधिनियम 1949 में इसी एक्ट को दोहराया गया है। इसके बावजूद भी अधिसूचित जिले में प्रधानी व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। परंपरागत प्रधानी व्यवस्था को सशक्त एवं सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाए।

-- परंपरागत ग्राम प्रधान  एवं मूल रैयत ग्राम प्रधान को झारखंड सरकार के द्वारा प्रति माह 2000 रुपए मासिक सम्मान राशि बतौर दी जाती है उक्त राशि इस बढ़ती महंगाई में बहुत कम है। ग्राम प्रधान की मासिक सम्मान राशि 10,000 रुपए जबकि उनके सहयोगियों को 5000 रुपए प्रतिमाह बढ़ाया जाए।

-  कोल्हान प्रमंडल के तर्ज पर संथाल परगना के अधिसूचित जिले के ग्राम प्रधानों को एक रंग की कुर्सी एवं पगड़ी लागु किया जाय ताकि ग्राम प्रधान एवं सहयोगी अपने आपको गौरवान्वित महसूस करें और प्रधानी व्यवस्था जीवित रहे।

 -- कोल्हान प्रमंडल के तर्ज पर संथालपरगना के सभी जिले में ग्राम प्रधान सेवा परिषद् का गठन किया जाय एवं सरपंच का अधिकार ग्राम प्रधानों को दिया जाय। 

-- प्रधानी मौजा में ग्राम प्रधान कार्यालय का निर्माण शीघ्र हो।

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Editor - कौशल औझा, जामताड़ा (झारखंड)

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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