ग्राम समाचार, भागलपुर। नागपंचमी पर जिले के मुख्य मंदिर चंपानगर सहित विभिन देवी स्थानों पर मैना विषहरी के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की गई। नागपंचमी पर भक्तों ने कच्चे मिट्टी के बने बर्तन में दूध लावा धूप, दीप चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की। वही ग्रामीण इलाकों में परंपरा के अनुसार अपने-अपने घरों के प्रवेश द्वार के दोनों ओर गोबर से नाग-नागिन का चित्र बनाकर उनके निमित्त दूध-लावा चढ़ाया। विषहरी पूजा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष भोला कुमार मंडल, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार, महासचिव शशि शंकर राय, संरक्षक भगवान यादव, छंगूरी शर्मा, उपाध्यक्ष दिनेश मंडल सहित अन्य पदाधिकारियों ने विशेष स्थानों पर जाकर पूजा अर्चना में भाग लिया। मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी पर नागवासुकि और तक्षकतीर्थ में दर्शन, अभिषेक से सर्पबाधा, सर्पदोष से मुक्ति मिलती है। पंडित रमेश झा ने बताया कि नागवासुकि को योग का प्रदाता माना जाता है। समुद्र मंथन के समय नागवासुकि ने ही नेती का काम किया था। आज के दिन नागदेवता की आराधना से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। व्यक्ति कुल विषबाधा से भी छुटकारा पाता है। विषहरी पूजा केन्द्रीय महासमिति अध्यक्ष भोला कुमार मंडल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत धार्मिक स्थलों को 25 तक बंद रखने का आदेश दिया है, लेकिन पिछले दिनों जिला शांति समिति की बैठक में दिए गए निर्देश के आलोक में सभी स्थानों पर परंपरागत रूप से सरकारी पूजा किए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि बाला लखेंद्र और बिहुला की शादी सोशल डिस्टेंसिंग के तहत केवल औपचारिकाताएं पूरी की जाएगी। मंजूषा भगत विसर्जन सोशल डिस्टेंसिंग में ही करेंगे।
Bhagalpur News:नागपंचमी पर श्रद्धालुओं ने विषहरी मंदिरों चढ़ाया दूध लावा
ग्राम समाचार, भागलपुर। नागपंचमी पर जिले के मुख्य मंदिर चंपानगर सहित विभिन देवी स्थानों पर मैना विषहरी के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की गई। नागपंचमी पर भक्तों ने कच्चे मिट्टी के बने बर्तन में दूध लावा धूप, दीप चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की। वही ग्रामीण इलाकों में परंपरा के अनुसार अपने-अपने घरों के प्रवेश द्वार के दोनों ओर गोबर से नाग-नागिन का चित्र बनाकर उनके निमित्त दूध-लावा चढ़ाया। विषहरी पूजा केंद्रीय समिति के अध्यक्ष भोला कुमार मंडल, उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार, महासचिव शशि शंकर राय, संरक्षक भगवान यादव, छंगूरी शर्मा, उपाध्यक्ष दिनेश मंडल सहित अन्य पदाधिकारियों ने विशेष स्थानों पर जाकर पूजा अर्चना में भाग लिया। मान्यताओं के अनुसार नागपंचमी पर नागवासुकि और तक्षकतीर्थ में दर्शन, अभिषेक से सर्पबाधा, सर्पदोष से मुक्ति मिलती है। पंडित रमेश झा ने बताया कि नागवासुकि को योग का प्रदाता माना जाता है। समुद्र मंथन के समय नागवासुकि ने ही नेती का काम किया था। आज के दिन नागदेवता की आराधना से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। व्यक्ति कुल विषबाधा से भी छुटकारा पाता है। विषहरी पूजा केन्द्रीय महासमिति अध्यक्ष भोला कुमार मंडल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना प्रोटोकॉल के तहत धार्मिक स्थलों को 25 तक बंद रखने का आदेश दिया है, लेकिन पिछले दिनों जिला शांति समिति की बैठक में दिए गए निर्देश के आलोक में सभी स्थानों पर परंपरागत रूप से सरकारी पूजा किए जाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि बाला लखेंद्र और बिहुला की शादी सोशल डिस्टेंसिंग के तहत केवल औपचारिकाताएं पूरी की जाएगी। मंजूषा भगत विसर्जन सोशल डिस्टेंसिंग में ही करेंगे।

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