पुस्तक - द लास्ट गर्ल
लेखक - नादिया मुराद
इस्लामिक स्टेट की निर्मम मानसिकता के खिलाफ सशक्त आवाज है 'द लास्ट गर्ल'.
आईएसआईएस के आतंकी दुनिया से भागी लड़की की दास्तान.
बहुत कम किताबें ऐसी होती हैं जो पढ़कर खत्म करने के बाद भी आपका पीछा करती हैं. 'द लास्ट गर्ल' ऐसी ही किताब है जो नादिया मुराद के जीवन की कहानी है. आप पूछेंगे, नादिया मुराद कौन ? तो याद दिलाने पर याद आ जाए कि 2018 में नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली यजीदी लड़की जो आईएसआईएस के चंगुल से बचकर भागी और उनके आतंकी कहानी पूरी दुनिया को बिना डरे सुनाया.
क्यों पढ़े यह किताब ?
बेशक इस किताब में दुखों की एक अंतहीन गाथा है, पर नादिया कि जिंदगी हमेशा साहस भी देती है. हमारी मौजूदा परिस्थितियाँ कितनी ही बुरी और विषम क्यों न हो, हमें लगातार अपनी जिंदगी को बदलने का प्रयास करते रहना चाहिए. परिवार से बिछड़कर क्रूर आईएसआईएस के चंगुल में फंसने, बार-बार बलात्कार किए जाते रहने, नाउम्मीदी के गहरे गर्त में फंसने के बावजूद नादिया ने हिम्मत नहीं हारी. वे वहां से निकलना चाहती थीं. उन्होंने कई प्रयास किया और अंतत सफल हुई. आज वह आईएसआईएस के आतंक और नरसंहार के खिलाफ एक वैश्विक आवाज है. #नोबेल_शांति_पुरस्कार विजेता और #संयुक्त_राष्ट्र_की_सद्भावना_राजदूत है. जो बतलाता है कि, कैसे हमारी कोशिशें हमारी जिंदगी बदल सकती है, हमारे जैसे दूसरों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकती है और यही 'द लास्ट गर्ल' का यह संदेश इसे मौजूदा दौर की #मस्ट_रीड किताब बनाता है.
... जो लोग इस्लामिक स्टेट के बारे में जानना चाहते हैं, उन्हें यह पुस्तक पढ़नी चाहिए.
- रीतेश रंजन


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