ग्राम समाचार जामताड़ा:
चंपापुर की कीचड़मय पगडंडी की हालत से ग्रामीणों को कब छुटकारा मिलेगा, यह किसी को अब तक पता नहीं है। लगभग एक महीना पूर्व इस कीचडमय सड़क की दुर्दशा अखबार की सुर्खियों में आया था । चंपापुर के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन के आंखों में जर्जर सड़क की खबर को पहुंचाने की भरपूर कोशिश तो की है लेकिन इसका नतीजा वही पुराने बातें आ जाती हैं । जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र के नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर पश्चिम चम्पापुर गांव के ऊपर बेड़वा टोला होकर नमनिया, माथाशेर, मनकडीहा, गगनपुर, बाँकी कला पण्डरिया, देवपुर, लखनपुर होते हुए गाण्डेय प्रखंड होकर गिरिडीह जिला मुख्यालय को जाती है। चंपापुर के इमरान अंसारी, मिनहाज अंसारी, मोहम्मद खलील अंसारी, नसरुल अंसारी, हबीब अंसारी, अब्दुल अजीज अंसारी, अजमल अंसारी, लियाकत अंसारी, शहाबुद्दीन अंसारी, अलाउद्दीन अंसारी, अब्दुल हमीद अंसारी, कौशर अंसारी, अली हुसैन अंसारी आदि ने बताया कि चंपापुर उर्दू मध्य विद्यालय मोड़ से लेकर बेड़िया नदी घाट के पहुंच पथ बहुत ही दलदल एवं कीचड़मय हो गया है । लोगों को रोजाना दैनिक राशन सामान दवाई सब्जी मरीज को डॉक्टर के पास दिखाने एवं सगे संबंधी के घर जाने आने के लिए बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना होता है । बरसात के मौसम में 3 से 4 महीने तक यह कच्ची पगडंडी सड़क में आवागमन दूभर हो जाता है । चंपापुर के ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं जिला प्रशासन को इसकी जानकारी दी है परंतु यहां अभी तक कोई दलदल एवं कीचड़ में स्थल तक पहुंचने की जरूरत नहीं समझे हैं।चंपापुर के आदिवासी टोला करीब है मगर विभागीय कर्मचारी जिला मुख्यालय का अंतिम छोर समझकर भ्रमण करने की कोशिश भी नहीं करते ताकि उन्हें यह दलदल रास्ता दिखाई पड़ता है यह दलदल रास्ता सिर्फ जामताड़ा जिला एवं गिरिडीह जिला के अगल-बगल सीमा होने के कारण स्थानीय ग्रामीण ही दिन रात झेलते हैं । यह पगडंडी सड़क ऊपर बेड़वा के मौलाना सलीम केसर के घर से लेकर नदी घाट के पहुंच पथ तक का रोड देखिए । इस रास्ते में अगर कोई फिसल कर गिर गया तो उसकी खैर नहीं सीधा नदी मे जाएगा अपने आप नाहा धोके उठेगा ।
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