Bhagalpur News:विभिन्न मांगों को लेकर बिहार फुले अम्बेडकर युवा मंच के बैनर तले स्टेशन चौक पर किया गया प्रतिवाद
ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार फुले अम्बेडकर युवा मंच के बैनर तले नीट मेडिकल इंट्रेंस सहित अन्य संस्थानों में ओबीसी आरक्षण को खत्म करने तथा जनगणना में ओबीसी (पिछड़े वर्ग) को शामिल नहीं करने के मुद्दे पर सोमवार को केंद्र के मोदी सरकार के खिलाफ स्टेशन चौक पर प्रतिरोध किया गया गया। प्रतिरोध सभा में बोलेते हुए मंच के संरक्षक प्रो. विलक्षण रविदास ने कहा कि आज ही के दिन 1902 में कोल्हापुर राज्य में 50 फीसदी सीट दलित पिछड़ों केलिए आरक्षित की गई थी। इस दिन को हमलोग राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस मनाते हैं। परंतु वर्तमान केंद्र सरकार ने जिस प्रकार नीट में ओबीसी आरक्षण के साथ छल किया यह देश के सामाजिक विकास केलिए एक बड़ा खतरा है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अजय राम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा साजिश के तहत पिछले चार सालों में 11 हजार से अधिक ओबीसी अभ्यर्थियों का अधिकार छीना जा चूका है। सामाजिक न्याय के लिए संगठित होकर संघर्ष किये बिना सरकार का पक्षपाती रुख खत्म नहीं हो सकती। प्रदेश महासचिव भरत सिंह उर्फ़ सार्थक भरत ने कहा कि एक तरफ ओबीसी को संख्या से लगभग आधा आरक्षण ही मिला हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही 27 फीसद आरक्षण दिया गया है। उसके बावजूद 4 वर्षो से नीट में ओबीसी के सीटों को हड़प लिया। ओबीसी की संख्या को जनगणना में नहीं गिनने का अलोकतांत्रिक फैसला न सिर्फ ओबीसी के खिलाफ है, बल्कि देश के बड़े हिस्से को विकास के पथ से दूर करने की एक बड़ी साजिश है। मंच से जुड़े बिपिन कुमार दास और डॉ संजय रजक ने आह्वान किया कि दलितों, पिछड़ो और अकलियतों को आरक्षण सहित सभी सामाजिक न्याय के मुद्दों की लड़ाई साथ मिलकर लड़ना चाहिए। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राहुल राजीव और वीरेंद्र गौतम ने कहा कि सभी नियमों और संवैधानिकता को ताक पर रख 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण का प्रावधान कर दिया गया और ओबीसी के साथ भेदभाव करते हुए लागु होने के बाद आज तक इसे मुकम्मल तौर पर लागू नहीं किया गया है। सामाजिक न्याय आंदोलन के रिंकु यादव ने बताया कि केंद्र सरकार के दोहरी नीतियों के कारण दलितों पिछड़ों के हक़ अधिकार असुरक्षित हो गए हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि नीतीश कुमार वोट तो पिछड़ों की बटोरते हैं। लेकिन पिछड़ों के अधिकारों के हमले के वक्त चुप रहते हैं। यदि वे पिछड़ों के हक में हैं तो भाजपा और आरएसएस को दो टूक क्यों नहीं कहते मूलनिवासी संघ के उमेश बौद्ध ने कहा कि हमारी संख्या के आधार पर हमारी भागीदारी सुनिश्चित करना होगा नहीं तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। प्रतिरोध सभा में बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन के छात्रों ने भी शिरकत किया। भागलपुर विश्वविद्यालय कैम्पस से निकले प्रतिरोध मार्च को प्रतिरोध सभा में शामिल किया गया। इस अवसर पर सभा के माध्यम से मोदी सरकार के समक्ष नीट सहित सभी शिक्षण संस्थानों में ओबीसी छात्रों के लिए 27 फीसदी आरक्षण लागू करने, जातिगत जनगणना में ओबीसी को शामिल करने, सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए गठित कोलेजियम सिस्टम को खत्म करने और भारतीय न्यायिक सेवा आयोग गठित कर उसके माध्यम से जनसंख्या के अनुपात में नियुक्ति में आरक्षण लागू करने सहित अन्य कई मांगों को रखा गया। इस मौके पर समाजकर्मी उदय, प्रकाश पासवान, डॉ विष्णुदेव दास, डॉ अमित कुमार, डॉ किशोर चौधरी, अभिषेक आनंद, सोनम राव, राजेश रोशन, डॉ मनोज यादव, रत्नाकर कुमार रत्न, मानव, गौतम कुमार, अभिषेक यादव, अभिनन्दन यादव, प्रवीण कुशवाहा, हसन, मनोज, राहुल, नयन, सुधीर कुमार शर्मा, इत्यादि शामिल रहे।
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