इंदिरा विश्वविद्यालय मीरपुर के वाणिज्य विभाग द्वारा “ आशावादी एवं खुश रहने की आदतें” विषय पर एक विशिष्ट आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गयाI इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर विजय कुमार सिरोठिया ने निराशावादी सोच से उबर कर किस प्रकार आशावादी जीवन जिया जा सकता है और छोटी-छोटी खुशियों का आनंद ले कर किस प्रकार खुश रहने की आदत डाली जा सकती है , इस विषय पर अनेक व्यवहारिक उदाहरणों के माध्यम से विस्तार पूर्वक चर्चा कीI उन्होंने कहा कि हम अपना अधिकांश जीवन उन वस्तुओं और इच्छाओं के बारे में सोचने पर लगा देते हैं जो हमें नहीं मिल सका, परंतु इस दौरान हमे जो मिला हुआ है , हम उसका आनंद भी नहीं ले पाते हैं और अपने जीवन को नीरस एवं निराशा पूर्ण बना लेते हैंI हम अगर तुलना करें तो पाएंगे कि दुनिया में बहुत से लोग हैं ,जिनके पास वह सब भी नहीं है ,जो इस जीवन में हमें प्राप्त हो सका है, अतः स्वयं को कोसने की बजाए यह समझें हमारा जीवन दुनिया के बहुत से लोगों की तुलना में बेहतर हैं अतः अपनी छोटी-छोटी समस्याओं के कारण पूरे जीवन को आशाहीन मान लेना कहीं से भी समझदारी का सौदा नहीं लगता I उन्होंने एक प्रसिद्ध वक्तव्य का उदाहरण देते हुए कहा की जिसे तुम प्यार करते हो वह नहीं मिला, तो जो आपको मिला है उसे प्यार करने की आदत डाल लीजिए जीवन आनंद पूर्ण हो जाएगाI
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रोफेसर एसके गक़खड ने प्रोफेसर विजय कुमार का स्वागत करते हुए कहा की वर्तमान समय में इस प्रकार के आयोजन बहुत ही सार्थक है और विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का विषय है की इसका हमारे पास एक प्रसिद्ध हस्ती अपने अनुभव हमारे स्टाफ के साथियों एवं छात्रों के साथ बांटने के लिए मौजूद हैI वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तेज सिंह ने भी मुख्य वक्ता का स्वागत किया और अपना कीमती समय छात्रों के साथ बांटने के लिए धन्यवाद दिया I कार्यक्रम के अंत में छात्रों एवं स्टाफ सदस्यों के अनेक प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का समाधान भी प्रोफेसर विजय कुमार द्वारा दिया गयाI इस कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग, प्रबंधन विभाग एवं अर्थशास्त्र सहित अनेक विभागों के शिक्षक, गैर शिक्षक स्टाफ सदस्यों एवं छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया I
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