ग्राम समाचार,चांदन,बाँका। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के फैलाव पर विराम लगने को ले सरकार ने लॉकडाउन लगया है। जिसके कारण लगतार सप्ताह दर सप्ताह लॉकडाउन को विस्तारित किया जा रहा है। जो अब आठ जून तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है। लेकिन इस अवधी में थोड़ी छूट दी गई है। लेकीन इस लॉकडाउन का सीधा असर गरीबों पर पड़ा है। जो लॉकडाउन के दौरान गैस सिलेंडर की कमी नही होने के बाद भी उज्ज्वला योजना से जुड़े उपभोक्ता सिलेंडर का उठाव कम ही कर पा रहे हैं। ताकि खर्च में कटौती कर अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सके। हालांकि गरीबों का पेट भरने को लेकर सरकार ने सामुदायिक किचन
शुरू कर रखा है । क्योंकि जानकारी के अभाव में गरीब असहाय निशक्त व्यक्ति इस समुदायिक किचन में खाने के लिए क्षेत्र के आधे से कम ही गरीब पहुँच पाते है। इधर गैस एजेंसी संचालक के अनुसार उज्जवला योजना के तहत सिलेंडर की डिमाड कम है। कारण सब्सिड्री कि राशि का घटना है। बताया जाता है कि, ग्रामीण इलाके में उपभोक्ताऐं साल में चार से पांच ही सिलेंडर लेते हैं। जबकि कुछ ही उपभोक्ता हैं, जो 10 से 12 सिलेंडर उज्जवला योजना के तहत लेते हैं। वह भी 1000 में एक सिलेंडर गैस मिलने के कारण। ग्रामीण क्षेत्रों में उज्जवला योजना के तहत मिले सिलेंडर प्रायः हर घरों के कोने में शोभा की वस्तु के रूप में देखने को मिल रहा है। पैसे के अभाव से फिर बीपीएल परिवार वाले घरों की दर्जनों महिलाऐं अपने रसोई में धुआँ करने को मजबूर है।
उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन।
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