ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
आजादी और आजादी के बाद मंदार हिल के नाम से भागलपुर मंदार हिल रेल का परिचालन आज भी है। मंदार हिल लाइन को लेकर यहां के वासियों के द्वारा बड़े-बड़े सपने भी देखे गए थे। लेकिन आज सपने अधूरे रह गए। बांका जसीडीह परिचालन से खुशियों का आलम तो है। परंतु दूसरी तरफ मंदार हिल से जयपुर तक रेल परिचालन के भी सपने देखे गए थे। जो पूरा न हो सका। यह गलत राजनीति का नतीजा है। 1968 में प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में तत्कालीन रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने देवनगरी को
हिल रेल का समय बदल दिया गया। जिससे यहां के सर्विस मैन से लेकर व्यापारी तक को परेशानी में डाल दिए। समय सारणी बदल दिया गया। बांका रेल लाइन परियोजना से पहले मंदार हिल को जंक्शन बनाने का सपना पूर्व रेल राज्य मंत्री सीके जाफर शरीफ का था। ताकि मंदार हिल से बांका तक तथा मंदार हिल से जयपुर तथा गोड्डा को जोड़ा जा सके। परंतु यह सपना अधूरा रह गया। यह दुर्भाग्य की बात है। इस परियोजना के लिए यहां के राजनीति योद्धा उदय शंकर झा चंचल, स्वर्गीय बाल गोविंद ठाकुर,लंबोदर ठाकुर, स्वर्गीय काली पांडे, स्वर्गीय गोविंद सिंह, स्वर्गीय गोविंद महामारी, भोला प्रसाद यादव, श्यामा प्रसाद सिंह,स्वर्गीय बोधी झा इत्यादि ने लड़ाई लड़ी थी। ताकि मंदार हिल को जंक्शन बनाया जाए। लेकिन मौजूदा सरकार के नेताओं द्वारा हम बड़े कि हम बड़े की राजनीति ने मंदार हिल को जंक्शन नहीं बनाकर बाराहाट को बनवा दिया। जबकि भागलपुर जंक्शन का वजूद मंदार हिल से पूर्व से था। आज हमारा यह मंदार हिल स्टेशन तीर्थ स्थल एवं पर्यटन स्थल होते हुए भी मजबूरी का बाट जोह रहा है। किसी भी राजनेताओं की नजर इस ओर नहीं है। जो कि काफी दु:खद है।
कुमार चंदन ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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