ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
वक्त की रफ्तार कभी रुकती या थमती नहीं है। उसी तरह नाट्य कलाकार की रफ्तार कभी रुकती या थमती नहीं है। इतिहास गवाह है कि, चाहे फिल्मी नगरी हो चाहे नाट्य कला की नगरी हो बहुत सारे ऐसे महान हस्ती हैं जो, इस कला की रफ्तार को लेकर आगे चले और इस दुनिया से चले गए। ठीक उसी प्रकार शनिवार को भागलपुर के एक निजी क्लीनिक में एक महान नाट्य कलाकार श्यामाकांत पाठक ने अंतिम सांस ली। वह 85 वर्ष के थे। वह एक महान हस्ती थे। दुःख की
बात है कि, इस भागती दौड़ती जिंदगी में बौंसी वासियों को छोड़कर चले गए। लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके चार पुत्रों में वरीय भाजपा नेता राजाराम पाठक, रामजी, समीर व अमीर पाठक सहित पोता पीयूष और मनीष पाठक पर गमों का पहाड़ टूटा। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ कर चले गए। उनके निधन पर बौंसी वासियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बताते चलें कि, बौंसी कभी नाट्य कला का गढ़ माना जाता था। यहां पर अनेक ड्रामा कलाकार हस्तियों ने जन्म लिया। स्वर्गीय बालमुकुंद चौधरी, स्वर्गीय ललन महाराज, स्वर्गीय मदन अग्रवाल, स्वर्गीय नंदलाल जायसवाल इत्यादि।
इन्हीं ड्रामा कलाकारों में से एक थे श्यामा कांत पाठक। बताते चलें कि 24 जून 2018 को इन्हें फिल्म जगत के जाने-माने डायरेक्टर इकबाल दुर्रानी के द्वारा अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं इकबाल दुर्रानी ने उनका आशीर्वाद भी लिया था। वहीं वरिष्ठ समाजसेवी मदन मेहरा ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, "जिंदादिली को कफन पहना कर आज खड़ा है यहां इन्सां, हर उम्र से लंबी कतार में अपनी बारी के इंतजार में"। उनके निधन पर ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज कुशवाहा, विधायक जनार्दन मांझी, पूर्व विधायक भोला प्रसाद यादव, समाजसेवी वीर अग्रवाल, दिलीप सर्राफ, उदय शंकर झा चंचल, कन्हैयालाल पाठक, छोटेलाल पाठक, निरंजन पाठक, चंदन पाठक, जय सिंह, प्रोफेसर मिथिलेश झा,रमन सिंह, रमेश शर्मा, सुधांशु शेखर
सिंह,सीताराम राय, आदि ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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