रेवाड़ी, 28 मई। बात किसी भी संकट के समय की हो उसमें अपने रिश्तेदार, पडौसी या अन्य कुछ लोग मदद करने के लिए जरूर साथ आ जाते हैं, लेकिन कोरोना एक ऐसा संकट समझा जा रहा हैं जिसमें अपने भी डर के मारे दूर हो जाते हैं। लेकिन जिला प्रशासन व सरकार के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने फ्रंट लाइन में खड़े होकर कोरोना मरीजों का जो साथ निभाया है और कोरोना मरीजों का जो उत्साहवर्धन किया है, उसी के बल पर उनके मनोबल को शक्ति मिली है और लोगों ने कोरोना को मात दी है।
यह कहना है नागरिक अस्पताल रेवाड़ी में कार्यरत नर्स मंजू देवी का। सज्जन कॉलोनी रेवाड़ी निवासी मंजू देवी लगातार कोरोना में वैक्सीन ड्यूटी में कार्य कर रही थी, वैक्सीन का कार्य करते करते अचानक एक दिन उनकी तबीयत खराब होने पर उन्होंने अपना टेस्ट कराया तो वह 29 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव पाई गई लेकिन उन्होंने संकट की इस घड़ी में हिम्मत से काम लेते हुए अपने आप को होम आइसोलेट कर लिया तथा परिवार के अन्य सदस्यों का टेस्ट कराने पर इसी दौरान उनके पति का बेटा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए। मंजू देवी ने अपने पति व बेटे को भी होम आइसोलेट रहने सलाह देते हुए उनका मनोबल बढ़ाए रखा और हिम्मत व धैर्य से काम लिया।
स्वास्थ विभाग के चिकित्सकों, आयुष दवाइयों का चिकित्सकों की सलाह व परामर्श के अनुसार तीनों ने सेवन किया जिसके परिणाम स्वरूप मंजू खुद उनके पति व बेटा तीनों ने करोना को मात दी, जैसे ही मंजू देवी ने कोरोना को हराया वह तुरंत अपनी ड्यूटी पर जाने लगी और बिना किसी हिचक व डर के वैक्सीन लगाने के कार्य में जुट गई। उन्होंने बताया कि हिम्मत व मनोबल एक ऐसा हथियार है कि हम कोरोना जैसे बड़े से बड़े संकट को परास्त कर सकते हैं।
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