देश और दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। दूसरी लहर पहली लहर से कितनी घातक है इसका अंदाज़ा हम पिछले दिनों हो रही मौतों के आंकड़ों से लगा चुके है। सरकार और प्रशासन द्वारा कोरोना से निपटने के लिए गाइड लाइन जारी की गई है जिनमे मास्क का प्रयोग और की दुरी है जरुरी, बेवजह अपने घरो से न निकले बावजूद इसके लोगो द्वारा फिर वही गलती दोहराई जा रही है। रेवाड़ी के बाज़ारो में लग रहे लोगो के जमघट तस्वीरों को देखकर नहीं लगता कि यहाँ लॉकडाउन नाम की कोई चीज भी है। लोगो द्वारा इस कदर लापरवाही बरती जा रही है कि बाज़ारो में सोसल डिस्टेंस का पाठ भी लोग भूल गए है। हालाँकि पुलिस द्वारा नियमो का सख्ती से पालन करवाने के लिए बाज़ारो में चालान भी काटे जा रहे है।
रेवाड़ी के सबसे व्यस्तम मोती चौक, गोकल गेट, पंजाबी मार्किट और रेलवे रोड पर हर रोज़ के यही हालात है। यहाँ बाज़ारो में सरेआम लॉक डाउन के नियमो की धज्जिया उड़ाई जा रही है। जब से बाजार खोलने की छूट मिली है तब से बाज़ारो में यही स्थिति बनी हुई है। ऑड-इवन फॉर्मूले से बाजार खुलने की छूट मिलते ही लोग लापरवाह होने लगे है। हालाँकि अधिकांश लोग जागरूक होकर मास्क पहन रहे है लेकिन भीड़ के चलते यह संक्रमण दोबारा फ़ैल सकता है। रेवाड़ी दुकानदारों ईश्वर शर्मा और अभिषेक शर्मा ने बताया कि सरकार ने दुकान खोलने के लिए सुबह 7 से 12 का जो समय दिया है वह ठीक नहीं है उसमे बदलाव किया जाये। पांच घंटे के लिए आधा बाजार खुलता है जिसकी वजह से 10 बजे से 12 बजे तक अधिक भीड़ होती है। सरकार को चाहिए इस पर विचार कर समय में संसोधन किया जाये। हालाँकि लॉक डाउन की मियाद 31 मई तक है अगर सरकार लॉक डाउन को आगे बढाती है तो समय में भी बदलाव किया जाना चाहिए। लॉक डाउन के चलते कोरोना संक्रमण के मामलो में अब लगातार गिरावट देखि जा रही है। लेकिन अगर दोबारा लापरवाही बरती जाएगी तो कहीं पहले जैसे हालात पैदा हो सकते है।
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