रेवाड़ी, 13 मई। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाऩे की निरंतर सलाह दे रहा है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भी समय-समय पर संतुलित भोजन और आयुष औषधियों से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए एडवाइजारी जारी कर रहा हैं।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. अजीत सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आयुष विभाग के सभी चिकित्सक व कर्मचारी जिले में स्वास्थ्य विभाग के कन्धे से कन्धा मिलाकर होम आईसोलेट कोरोना मरीजों की नियमित जांच कर रहे हैं तथा उनको स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई दवाओं के साथ-साथ आयुर्वेदिक इम्यूनीटी बुस्टर औषधियां जैसे आयुष काढा, गिलोयघनवटी, आयुष 64 गोलियाँ, सितोपलिदी चूर्ण इत्यादि भी प्रदान कर रहे हैं ताकि कोरोना संक्रमण के समय रोगी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शीघ्र स्वस्थ व रोगमुक्त हो सकें।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. अजीत सिंह ने बताया कि जिला में अब तक आयुष विभाग द्वारा 1556 होम आईसोलेट मरीजों को 15 हजार 560 आयुष काढे तथा 31हजार 120 गिलोयघनवटी गोलियाँ लोगों को वितरित कि जा चुकी हैं। खांसी व जुखाम के मरीजों को सुबह-शाम अजवायन व हल्दी पानी की भाप नियमित लेने का आव्हान किया जा रहा तथा लौंग व इलायची युक्त गर्म पानी का सेवन करनें की सलाह दी जा रहीं हैं।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. अजीत सिंह ने बताया कि आयुर्वेद के सरल उपायों से रोग प्रतिरोधक क्षमता को आसानी से बढ़ाया जा सकता है क्योंकि आयुर्वेद में दिनचर्या व ऋतु चर्या के आधार पर खान-पान बताया गया है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। ऋतु अनुसार हल्का सुपाचय भोजन करना चाहिए तथा निम्बु ,सन्तरा, मौसमी ,टमाटर इत्यादि ऋतु अनुसार फल व सब्जियों का सेवन करना चाहिए तथा गर्म पानी में थोड़ा सैन्धा नमक डालकर सुबह-शाम गरारे करने चाहिए।
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