रेवाड़ी। भाजपा की प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट वंदना पोपली ने हिसार में जनता को समर्पित 500 बेड के अस्पताल के उद्घाटन के कार्यक्रम का विरोध किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की है वंदना ने इसे महामारी के दौरान असामाजिक तत्वों की ओर से उठाया गया गलत कदम करार दिया है।
रविवार को जारी एक बयान में वंदना पोपली ने कहा कि प्रदेश में कोरोना का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। सरकार कोरोना से पीड़ित मरीजों की जान बचाने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं। हिसार में भी कोरोना के मरीजों के उपचार के लिए तत्काल अस्पताल की स्थापना कराई गई है। इस अस्पताल के उद्घाटन का विरोध करने वाले लोग किसान नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को देखते हुए आंदोलनकारियों से पहले ही इस आंदोलन को कुछ समय के लिए टालने की अपील की जा चुकी है। इसके बावजूद यह लोग विपक्ष के बहकावे में आकर अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस समय कोरोना के मरीजों की जान बचाने पर लगा हुआ है। इसके लिए सरकार की ओर से अधिक से अधिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद कुछ लोग स्वास्थ्य सेवाओं के कार्यों में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं। सच्चे किसान ऐसी मुश्किल घड़ी में कभी भी इस तरह के कदम नहीं उठाते।
पूरे देश और प्रदेश ने देख लिया है कि कुछ जत्थेबंदियों के नेताओँ को ना किसानों से कुछ लेना देना ना ही इनको आंदोलन से कुछ मतलब है ना ही जो बीमार लोग हैं उनसे कुछ मतलब है इनको अपने विरोध से मतलब है।
500 लोगों के इलाज के लिए व्यवस्था को रोकने के लिए, राजनीतिक मंशा से विरोध किया गया यह किसानों की मानसिकता नहीं हो सकती यह सिर्फ विपक्षियों की मानसिकता है आज बॉर्डर से खेतों में करोना पहुंच रहा है उसके बावजूद भी कुछ जत्थेबंदियों के नेताओं को अपनी राजनीति की पड़ी है जिनके पीठ पर विपक्षी दलों का हाथ है।
इस तरह का विरोध प्रदर्शन करने के लिए जिस प्रकार से नेताओं ने लोगों को आगे किया है उससे यह भी समझ आता है कि इनको प्रदर्शनकारियों की सेहत से भी कोई मतलब नहीं है कि वह उनको भड़काकर किस प्रकार से खतरे में डाल रहे हैं उनसे भी इनको कोई मतलब नहीं है इनको सिर्फ अपनी राजनीति चमकानी है।
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