ग्राम समाचार, धोरैया, बांका। बताते चले की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सात निश्चयों में से एक निश्चय में भ्रष्टाचार की गंगोत्री बहाने के आरोप में अब तक 350 से ज्यादा मुखिया पर FIR दर्ज हुई है जिसमें कि बांका जिले के 17 मुखिया भी शामिल है।उसके बावजूद मुखिया के कानों में जूं तक नहीं रेंगती। ऐसे ही एक मामला भेलाय पंचायत अंतर्गत महमदपुर गांव के वार्ड संख्या 4 मे देखने को मिल रहा है जहां मनरेगा के तहत बनने वाले ग्रामीण सड़क का निर्माण कार्य करने हेतु स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सुबोध यादव के द्वारा पिछले 8 माह पूर्व ईट बिछाकर यूं ही छोड़ दिया गया है,ग्रामीण कैलू सिंह,पवन सिंह,आनंद सिंह, बालेश्वर सिंह,बादल सिंह,नटवर सिंह,छोटू सिंह,राजीव सिंह जवाहर सिंह,लाल सिंह सभी ने मुखिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह मुखिया की मनमानी कहा जाए कि पिछले 8 माह पूर्व मनरेगा के तहत बनने वाली सड़क का काम ईट बिछाकर शुरू कराया गया था जो यू ही पढ़ा हुआ है।
अभी तक इस रोड का पक्की ढलाई नहीं हो पाई है,साथ ही नाला नहीं रहने के कारण घर के आगे दूषित पानी का जल-जमाव बना रहता है।जिससे की बीमारी उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है।जब इस मामले पर स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि सुबोध यादव से 20 जनवरी को पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट रूप में बताया कि अभी तक जो भी काम हुआ है उसकी राशि योजना से भुगतान नहीं की गई है और अभी तक जो भी काम हुआ है वह मैं अपने पॉकेट से खर्च कर करवाया है। अंत में जब पूछा गया कि यह सड़क कब तक बनने की संभावना है,तो उन्होंने बडे मधुर आवाज में कहां की इस महीने के लास्ट तक काम करा दिया जायेगा,क्योंकि चुनाव भी नजदीक है। लेकिन वास्तविकता यही है कि जनवरी माह बीत जाने तक भी सड़क का निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया गया है।ग्रामीणों का कहना है कि होने वाले पंचायती चुनाव मे आऐसे मुखिया का क्लास लगना तो लाजमी है।
आशुतोष सिंह, ग्राम समाचार, धोरैया, बांका।
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